भाजपा का स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद भी बालोतरा जिले के कल्याणपुर पंचायत समिति में प्रधान पद कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी श्रवण सिंह 5 वोटों से जीत गए। भाजपा के पास 1 तिहाई (15 में से 10) बहुमत था, लेकिन पार्टी से नाराज उप प्रधान ने ही निर्दलीय ताल ठोक दी। कांग्रेस ने इस बगावत को समर्थन दिया और प्रधान पद पर निर्दलीय प्रत्याशी को उप चुनाव जितवा दिया। अब 3 पॉइंट्स में समझिए क्या है पूरा मामला 1. प्रधान के निधन पर हुआ था उप चुनाव बालोतरा जिले के कल्याणपुर पंचायत समिति में भाजपा नेता उम्मेद सिंह अराबा का 4 माह पहले निधन हो गया था। इसके बाद वार्ड संख्या 10 और प्रधान पद खाली था। सोमवार को वार्ड 10 के लिए पूर्व प्रधान उम्मेद सिंह अराबा की पत्नी कृष्णा कंवर को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया। कांग्रेस से मीना कुमारी प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरी। सोमवार को हुए मतदान में कृष्णा कंवर 1293 मत प्राप्त कर 14 वोट से विजयी रही। 2. भाजपा के निर्दलीय ने ताल ठोक दी इसके बाद मंगलवार को प्रधान पद के लिए उप चुनाव होना था। इसमें भाजपा से उप प्रधान और पंचायत समिति सदस्य श्रवण सिंह ने भाजपा का चेहरा बनाए जाने की आस से एक निर्दलीय और एक भाजपा से पर्चा भर दिया दिया। वहीं एन वक्त पर भाजपा ने मोहन सिंह को प्रत्याशी बना दिया। इससे श्रवण सिंह का एक नामांकन पत्र खारिज हाे गया। दूसरा निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा। 3. महामंत्री को पार्टी से निष्कासित किया मतगणना में श्रवण सिंह राजपुरोहित को 10 व मोहनसिंह राजपुरोहित को 5 वोट मिले। निर्दलीय प्रत्याशी को कांग्रेस के 4 पंचायत समिति सदस्यों का समर्थन मिला। इसके बाद बीजेपी ने कल्याणपुर मंडल के महामंत्री दौलाराम कुआं को पार्टी से निष्कासित कर दिया। बीजेपी ने हार के दूसरे दिन ही एक्शन लेते हुए कल्याणपुर मंडल के महामंत्री दौलाराम कुआं को पार्टी के खिलाफ चुनाव-प्रसार करने पर मंडल अध्यक्ष बाबूराम जाखड़ ने पार्टी से निष्कासित कर दिया। दौलाराम कुआं कलबी चौधरी समाज से आते हैं। वर्तमान में कल्याणपुर सरपंच हैं। लंबे समय से राजनीति में एक्टिव हैं। भाजपा के कुछ नेता उम्मेद सिंह की पत्नी तो अधिकांश निर्दलीय के पक्ष में थे प्रधान पद के लिए दिवंगत उम्मेदसिंह अराबा की पत्नी को प्रधान बनाने के लिए कुछ नेता पक्ष में थे। उनका मानना था कि पंचायती राज चुनाव में कम समय शेष रहा है, ऐसे में अराबा की पत्नी को ही प्रत्याशी बनाया जाए। जबकि अधिकांश सदस्य उप प्रधान श्रवणसिंह राजपुरोहित को प्रत्याशी बनाने के पक्ष में थे। ऐसे में कृष्णा कंवर के पक्ष मे समर्थन नहीं देखते हुए पार्टी ने मोहनसिंह राजपुरोहित को प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरवाया। इस पर उप प्रधान श्रवणसिंह राजपुरोहित ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा भरा। इसे देखते हुए कांग्रेस के पास महज 4 सदस्य होने से उन्होंने अपना प्रत्याशी उतारने की बजाय निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन दिया। भाजपा के पास बहुमत होने के बावजूद निर्दलीय प्रत्याशी जीता कल्याणपुर पंचायत समिति में पंचायत समिति सदस्य के 15 वार्ड है। पंचायती राज चुनाव में 15 में से 11 सदस्य भाजपा व 4 कांग्रेस पार्टी से निर्वाचित हुए थे। इस पर भाजपा ने उम्मेदसिंह अराबा को प्रधान बनाया था। उनके देहावसान के बाद भाजपा से उप प्रधान बनाए गए श्रवणसिंह राजपुरोहित ने इतने दिन कार्यवाहक के तौर पर प्रधान का कामकाज संभाला। अराबा के निधन के बाद खाली हुई वार्ड सं. 10 की सीट पर उप चुनाव करवाए गए। इसमें अराबा की पत्नी कृष्णा कुमारी को 14 वोट से विजय मिली। मंगलवार को प्रधान के उप चुनाव में प्रत्याशी बनाने को लेकर भाजपा नेताओं में आपसी खींचतान नजर आई। इस पर भाजपा से बगावत कर श्रवणसिंह राजपुरोहित ने निर्दलीय नामांकन भरा, जबकि भाजपा से मोहनसिंह राजपुरोहित को प्रत्याशी बनाया गया। वोटिंग के बाद शाम को हुई मतगणना में श्रवणसिंह को 10 मत व भाजपा प्रत्याशी मोहनसिंह को 5 वोट मिले। ऐसे में भाजपा से बगावत करने के बाद पार्टी के 10 सदस्य रहे, जबकि कांग्रेस का समर्थन मिलने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी को 5 मत मिलते, लेकिन पार्टी के पांच सदस्यों ने निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में वोटिंग की। इस पर भाजपा व कांग्रेस दोनों से मत का समर्थन मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी प्रधान निर्वाचित हुए। भाजपा के गढ़ में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी जीता उप चुनाव को लेकर सुबह 11 बजे तक तीन सदस्यों ने नामांकन दाखिल किया। 3 बजे मतदान शुरू हुआ। 5 मतों से निर्दलीय श्रवणसिंह राजपुरोहित विजेता बने। रिटर्निंग अधिकारी बालोतरा एसडीएम अशोक कुमार बिश्नोई ने श्रवणसिंह राजपुरोहित को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सदस्यता की शपथ दिलाई।
इस दौरान कांग्रेस से पूर्व विधायक मदन प्रजापत, सिवाना प्रधान मुकनसिंह राजपुरोहित, कल्याणपुर कांग्रेस मंडल अध्यक्ष वीरसिंह थोब, वरिष्ठ नेता बाबूलाल थोरी मौजूद रहे। श्रवणसिंह राजपुरोहित की जीत की घोषणा पर कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने साफा-माला पहनाकर स्वागत किया। दस साल में दो बार हुए चुनाव में भाजपा ने ही बाजी मारी। इस बार कांग्रेस ने बाजी मारी।
