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गुजरात के धोलेरा में सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाला भारत का पहला प्लांट शुरू हो गया है। ये प्लांट टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने ताइवान की कंपनी पावर-चिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन (PSMC) के साथ मिलकर शुरू किया है। ये चिप फोन, लैपटॉप, गाड़ियों और कई गैजेट्स में यूज होती हैं। अभी भारत इन चिप्स के लिए विदेशों पर निर्भर है। इसकी सप्लाई रुकने पर देश में कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के प्रोडक्शन में कमी आ जाती है। इस प्लांट से भारत अपनी जरूरतें पूरी करेगा और विदेशी निर्भरता को घटाएगा। चिप का प्रोडक्शन दिसंबर 2026 से शुरू होने की उम्मीद है। सवाल 1: सेमीकंडक्टर चिप क्या होती है? सेमीकंडक्टर को आप इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का दिमाग समझिए। कंप्यूटर, लैपटॉप, कार, वॉशिंग मशीन, ATM, अस्पतालों की मशीन से लेकर हाथ में मौजूद स्मार्टफोन तक सेमीकंडक्टर चिप पर ही काम करते हैं। ये चिप एक दिमाग की तरह इन गैजेट्स को ऑपरेट करने में मदद करती है। इनके बिना हर एक इलेक्ट्रॉनिक आइटम अधूरा है। सेमीकंडक्टर चिप्स सिलिकॉन से बने होते हैं और सर्किट में इलेक्ट्रिसिटी कंट्रोल करने के काम आते हैं। ये चिप इलेक्ट्रॉनिक आइटम को ऑटोमैटिकली ऑपरेट करने में मदद करती है। उदाहरण के लिए, स्मार्ट वॉशिंग मशीन में कपड़े पूरी तरह धुलने के बाद ऑटोमैटिक मशीन बंद हो जाती है। इसी तरह कार में जब आप सीट बेल्ट लगाना भूल जाते हैं, तो कार आपको अलर्ट देती है। ये सेमीकंडक्टर की मदद से ही होता है। सवाल 2: सेमीकंडक्टर प्लांट से भारत को क्या फायदा? सवाल 3: प्लांट में क्या-क्या प्रोडक्ट्स बनेंगे ? प्लांट में 14Nm, 28Nm, 40Nm, 55Nm, और 65Nm सेमीकंडक्टर चिप्स बनेंगी। ये चिप्स अलग-अलग चीजों में यूज होंगी। सवाल 4: टाटा की प्लानिंग क्या है? टाटा ने इस प्रोजेक्ट को कामयाब बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है… दुनिया की 60% सेमीकंडक्टर चिप ताइवान बनाता है सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (SEMI) के अनुसार, ताइवान ग्लोबल चिप फैब्रिकेशन कैपेसिटी (भौतिक रूप से सेमीकंडक्टर बनाने की क्षमता) में 60% हिस्सेदारी है। TSMC अकेले दुनिया के लगभग आधे सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग करती है।

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