भीलवाड़ा में दो दिन पहले (शनिवार, 21 जून) को हुई बारिश कुछ किसानों के लिए मुसीबत बन गई। भीलवाड़ा के पुर कस्बे के पास मालीखेड़ा गांव में खनन क्षेत्र से केमिकल युक्त मलबा बहकर खेतों और नहर तक पहुंच गया। इससे 200 बीघा में खेत खराब हो गए, वहीं नहर में भी 6 फीट तक मलबा भर गया। मालीखेड़ा के प्रभावित किसानों का कहना है कि बारिश में बहकर आए मलबे से हमारे खेत खराब हो गए। नहर भी पैक हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया- यह केमिकल युक्त मलबा और कचरा जिंदल खनन क्षेत्र से आया है। इसके चलते 200 बीघा में खेती की जमीन खराब हो गए है। खेत मलबे में दब गए। यहां 8 फीट गहरी नहर में 6 फीट तक मलबा भर गया है। नहर की गहराई अब सिर्फ 2 फीट रह गई है। ऐसे में तालाब में जाने वाला पानी मलबे के साथ हमारे खेतों में आ रहा है। इलाके के 12 से ज्यादा किसान इससे प्रभावित हुए हैं। पार्षद ने कहा- कई बार शिकायत की मालीखेड़ा गांव के पार्षद ने कहा-कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। सिर्फ मलबा ही नहीं, केमिकल युक्त मिट्टी भी उड़कर खेतों में आती है और फसलों को नुकसान पहुंचाती है। मलबा बहकर आने से खेत में उगा धनिया, चारा नष्ट हो गया। किसान बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। कई खेतों में 2 फीट तक मलबा भर गया है। एक किसान ने बताया- जिंदल कंपनी ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करके मलबे का ढेर लगा दिया है। ये ढेर 25-25 फीट ऊंचाई के हैं। हर बार बारिश में मलबा बहकर खेतों में आ जाता है। हमारी मांग है कि प्रशासन अवैध खनन पर रोक लगाए। नुकसान की भरपाई हो। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कलेक्टर कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल करेंगे।