उदयपुर शहर में 18 और 19 फरवरी को वाटर विजन-2047 की राष्ट्रीय कांफ्रेंस होगी। इसमें के अलग-अलग राज्यों के जल संसाधन मंत्री और इस विभाग के प्रमुख शासन सचिव स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। उदयपुर में होने वाली इस राष्ट्रीय कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य टिकाऊ और एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन के लिए एक साझा दृष्टिकोण की दिशा में काम करते हुए राज्यों और हितधारक मंत्रालयों के साथ सहयोग को मजबूत करना है। यह आयोजन जल संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए एक समग्र और अंतःविषय दृष्टिकोण अपनाएगा और पानी को एक महत्वपूर्ण और मूल्यवान संसाधन के रूप में मानने के महत्व पर जोर देगा। इसमें न्यूनतम स्रोतों से पानी के अधिकतम उपयोग , संरक्षण, नदियों काे जोड़ने जल स्वावलंबन आदि विषयों पर भी चर्चा हाेगी। इसमें मध्यप्रदेश के भोपाल और तमिलनाडु के महाबलीपुरम में पूर्व में हुई इसी तरह की बैठकों में जल संचय के विषयों पर किए गए निर्णयों की समीक्षा भी जाएगी। तीन केंद्रीय मंत्री आएंगे कोड़ियात स्थित अनंता होटल में होने वाली इस राष्ट्रीय कांफ्रेंस में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी, केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री वी. सोमन्ना और राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत के साथ हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्री-प्रतिनिधि आएंगे। कांफ्रेंस में आने वाले प्रतिनिधि उदयपुर की झीलों का वाटर मैनेजमेंट समझेंगे। राजस्थान के मंत्री ने तैयारियों की समीक्षा की इससे पहले उदयपुर आए प्रदेश के जल संसाधन मंत्री सुरेशचंद्र रावत ने इस कांफ्रेंस की तैयारियों को लेकर बैठक की। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से कहा कि इस आयोजन में निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार कार्यक्रम को सुव्यवस्थित ढंग से आयोजित कराने के लिए आपसी समन्वय से कार्य करें।