प्रदेश में भ्रष्टाचार में कमी आई हो या नहीं, लेकिन मामले दर्ज होने में कमी जरूर दर्ज की गई है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने वर्ष 2024 में 245 सरकारी कार्मिकों व भ्रष्टाचार में लिप्त उनके अन्य सहयोगियों को पकड़ने में सफलता हासिल की। इनमें 43 प्रकरण राजपत्रित अधिकारियों के हैं। जबकि 202 मामले अराजपत्रित कर्मचारियों व प्राइवेट दलाल के रूप में काम कर रहे व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किए गए। जबकि वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 284 का रहा था। इनमें 42 राजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ और 242 मामले अराजपत्रित कर्मचारी–अधिकारियों पर हुए। वर्ष 2023 की तुलना में बीते वर्ष रिश्वत के मामलों में 39 आरोपी कम पकड़े गए हैं। गत वर्ष मार्च से इस वर्ष अप्रैल तक सबसे ज्यादा रिश्वत के मामले पुलिस, राजस्व, डिस्कॉम आदि विभागों के हैं। वहीं, पीएचईडी, जल संसाधन विभाग, समाज कल्याण विभाग, चिकित्सा विभाग, नगर निगम, पशुपालन विभाग, उद्योग केंद्र, उप कोषागार, रीको, पेंशन विभाग, रसद विभाग, परिवहन विभाग, होमगार्ड, सीजीएसटी, वाणिज्य कर विभाग सहित दर्जनों विभागों में भी सरकारी कार्याें के लिए रिश्वत की मांग करने या रिश्वत लेने पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कार्रवाई कर कर्मचारी–अफसरों को पकड़ा। मार्च 2024 से अप्रैल 2025 तक एसीबी ने ट्रेप के 245 प्रकरण दर्ज किए। इनमें सर्वाधिक पुलिस विभाग से संबंधित 47 प्रकरण हैं। पुलिस के बाद सबसे ज्यादा मामले राजस्व विभाग के हैं। एक साल में 27 पटवारी रिश्वत लेते पकड़े गए। वहीं, अलग-अलग विभागों के अफसरों ने रिश्वत लेने के लिए दलालों को भी आगे रखा। वर्ष भर में 36 दलाल रिश्वत लेते समय एसीबी के हत्थे चढ़े। स्कूल, कॉलेजों व शिक्षा विभाग से जुड़े एक दर्जन मामलों में रिश्वत लेते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें सरकारी व प्राइवेट शिक्षण संस्थान शामिल हैं। करीबन इतने ही प्रकरण पीएचईडी व जल संसाधन विभाग से जुड़े सामने आए हैं। पुलिस महकमे में सबसे ज्यादा कांस्टेबल पकड़े गए एसीबी ने वर्षभर में पुलिस महकमे के 47 अफसर–कर्मचारियों को रिश्वत प्रकरणों में पकड़ा। इनमें सर्वाधिक 16 कांस्टेबल रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए। वहीं, 14 हेड कांस्टेबल, 9 एएसआई और 8 एसआई घूस के मामलों में पकड़े गए। वहीं, बिजली आपूर्ति, बिजली बिल कम करने जैसे कामों के लिए डिस्कॉम के 15 कार्मिक भ्रष्टाचार में लिप्त रहे। इनमें लाइनमैन से लेकर जूनियर व सीनियर इंजीनियर शामिल हैं। दूसरी ओर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारी भी एसीबी के हत्थे चढ़े। इसी तरह 3 तहसीलदार, 2 नायब तहसीलदार, 1 नगरपालिका चेयरमैन व 3 पशु चिकित्सक भी रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए।