बांसवाड़ा से बागीदौरा से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक जयकृष्ण पटेल के रिश्वत मामले में गिरफ्तारी के बाद भाजपा निलंबन की मांग कर रही है। जिले में विधानसभावार धरना और विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। शहर में विधायक जयकृष्ण पटेल के होर्डिंग तक लगाए गए हैं। ऐसे में बीएपी भी अपने विधायक के समर्थन में उतर गई है। खासतौर पर सांसद राजकुमार रोत विधायक के बचाव में आकर भाजपा पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने भाजपा के वर्तमान जिलाध्यक्ष पूंजीलाल गायरी पर करोड़ों रुपए के हैंडपंप घोटाले के आरोप लगाया। अखबारों में प्रकाशित खबरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। पूर्व जिलाध्यक्ष गोविंद सिंह राव के घर पर पूर्व में पड़ी इनकम टैक्स की रेड में जब्त सोने और रुपए का जिक्र भी किया। सांसद राजकुमार रोत की पोस्ट.. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा-वर्तमान बांसवाड़ा के भाजपा नेताओं को भ्रष्टाचार के होर्डिंग लगा के प्रचार-प्रसार करने का बहुत बड़ा शौक है, चलो अच्छी बात है। लेकिन बांसवाड़ा की जनता चाहती है कि विधायक जयकृष्ण पटेल के 20 लाख की रिश्वत कांड वाले जो होर्डिंग लगाए हैं उसके दूसरी तरफ भाजपा के पूर्व व वर्तमान जिला अध्यक्षों एवं पानी वाले पूर्व मंत्रीजी के ये करोड़ों अरबों के घोटाले की होर्डिंग भी लगा देते तो कितना बढ़िया रहता। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की जनता समझ चुकी है। एक कहावत है- सो चूहे खा कर बिल्ली हज को चली। जिलाध्यक्ष की फर्म पर 7 करोड़ के घोटाले का आरोप दो साल पहले घाटोल पंचायत समिति के अंतर्गत आने वाली 68 ग्राम पंचायतों में हैंडपंप घोटाले का मामला सामने आया था। जहां वर्ष 2019 से लेकर 2022 तक करीब 2000 हैंडपंप खोदे गए। इन हैंडपंपों की खुदाई 210 फीट तक गहरी करनी थी, लेकिन 70-80 फीट ही की गई। इसके अलावा पाइप भी पूरे नहीं लगाए गए। पाइप की क्वालिटी भी घटिया रखी गई, लेकिन पैसा पूरा उठा लिया गया।एक हैंडपंप की सरकारी दर 60, 894 रुपए तय थी, लेकिन जिस तरीके से ठेकेदार फर्म ने काम किया है, इसमें एक हैंडपंप में करीब 35 हजार रुपए तक का घपला सामने आ रहा है। अगर इस 35 हजार को 2000 हैंडपंपों की लागत पर देखें तो घोटाले की रकम का आंकड़ा 7 करोड़ तक पहुंच रहा है। ठेका भैरूनाथ बोरवेल फर्म को दिया हुआ था। जो कि जिलाध्यक्ष पूंजीलाल गायरी की पत्नी के नाम से है। इस मामले में जिला परिषद ने जांच रिपोर्ट भी मांगी थी लेकिन बाद में जांच ठंडे बस्ते में चली गई।