टोंक शहर के सवाई माधोपुर चौराह के पास अमीरगंज की जैन नसिया में आचार्य वर्धमान सागर महाराज जी ससंघ चातु़र्मास के लिए बुधवार को सुबह ध्वजारोहण के बाद शाम को मंगल कलश स्थापना हुई। इसमें प्रदेश ही नही देश भर के हजारों जैन समाज के श्रद्धालु शामिल हुए।उन्होंने आचार्य समेत ससंघ के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। धर्म में वृद्धि के लिए ध्वजारोहण इस दौरान हुई धर्मसभा में आचार्य वर्धमान सागर महाराज ने कहा कि समाज में सुख ,शांति धर्म में वृद्धि के लिए ध्वजारोहण किया जाता है। सरल, सहज और उदार भावना के साथ किया गया धार्मिक कार्य सफल होता है। धर्म और अर्थ के प्रति उदारता अच्छी है ,धर्म की उदारता से अर्थ का उपार्जन होता है। धर्म धारण करने से प्रतिकूलता अनुकूलता में बदल जाती है, क्योंकि धार्मिक कार्य से पुण्य का अर्जन होता है। प्रतिकूलता पाप कर्मों के कारण होती है आगम जिनवाणी में इसका उपाय बताया है कि धर्म धारण करने से प्रतिकूलता को अनुकूलता में बदला जाता है। चातुर्मास में अनेक पर्व आते हैं। गुरु पूर्णिमा, वीर शासन जयंती दशलक्षण पर्व आत्मा की विशुद्धता के लिए होते हैं। गुरु पूर्णिमा के पूर्व आचार्य ने दीक्षा गुरु आचार्य धर्मसागर महाराज को स्मरण कर उनके गुणानुवाद किया। जिनालय में दर्शन अभिषेक पूजन से जीवन का निर्माण होता है। आचार्य के प्रवचन से पूर्व मुनि हितेंद्र सागर कहा कि वर्षायोग में श्रावकों को साधुओं की धार्मिक क्रियाओं की अनुकूलता के लिए कार्य करना चाहिए। समय का उपयोग कर वर्षायोग में साधुओं द्वारा धर्म की वर्षा की जाती है। इससे जीवन में बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए। मीडिया प्रभारी रमेश काला, प्रवक्ता पवन कंटान एवं विकास जागीरदार ने बताया कि धर्म उपदेश के पूर्व आदिनाथ भगवान एवं आचार्य शांति सागर सहित सभी आचार्यों के चित्रों के सम्मुख दीप प्रवज्जलन बाबूलाल सेठिया परिवार ने किया। इसके बाद पूर्वाचार्यों को अर्घ्य समर्पण किया गया। आचार्य का पाद प्रक्षालन एवं पूजन किया गया। इसके बाद कार्यक्रम का शुभारंभ कलश स्थापना के साथ हुआ। प्रथम कलश वात्सल्य वारिधि वर्धमान सागर कलश का सौभाग्य पारस चंद,सुरेन्द्र कुमार, नरेंद्र कुमार, अंशुल कुमार, आरव, अंश, आशी, रीति छामुनिया परिवार को मिला। द्वितीय कलश आचार्य शांतिसागर कलश का सौभाग्य प्रहलाद चंद, विमल चंद, कमल कुमार, चेतन कुमार, अंकित कुमार अंश आंडरा परिवार को मिला । तृतीय मंगल कलश का सौभाग्य मदन लाल, मिट्ठू लाल, महावीर प्रसाद, ज्ञानचंद, सन्मति कुमार परिवार को प्राप्त हुआ।चतुर्थ कलश आचार्य शिव सागर कलश का सौभाग्य राधा देवी, प्रहलाद चंद, कमल कुमार, सौरभ कुमार , टोनी कुमार आंडरा परिवार को मिला। पंचम कलश आचार्य धर्मसागर कलश का सौभाग्य मोहन लाल, पदम चंद , ज्ञानचंद, मनोज कुमार, कमल कुमार छामुनिया परिवार को मिला। षष्ठम कलश आचार्य अजीत सागर कलश का सौभाग्य महावीर प्रसाद, धर्मेंद्र कुमार, जितेंद्र कुमार, अविकांश कुमार परिवार को मिला। चातुर्मास सर्वोषधि प्रहलाद चंद, विमल कुमार, कमल कुमार, अनिल कुमार, चेतन कुमार, सुनील, दिव्यांश आंडरा परिवार को मिला। वस्त्र भेंट राजेंद्र कुमार, शैलेश कुमार गोयल परिवार को प्राप्त हुआ। पाद प्रक्षालन का सौभाग्य बाबूलाल, नरेंद्र कुमार, राजेंद्र कुमार, मुकेश कुमार, ओमप्रकाश, कुशाल को मिला। शास्त्र भेंट का सौभाग्य महावीर प्रसाद, धर्मचंद, सुमित कुमार, रवि कुमार परिवार को प्राप्त हुआ। इस मौके पर चतुर्मास व्यवस्था समिति अध्यक्ष भागचंद, धर्मचंद, मंत्री राजेश सराफ, धर्मेंद्र, कमल सराफ, राजेश, रमेश, पप्पू,टोनी आंडरा, चेतन आंडरा, डॉ चेतन, हिमांशु, हेमराज, सुरेन्द्र छामुनिया, ज्ञानचंद छामुनिया, किन्नी, अर्पित, मनीष अतार, राहुल, पुनीत जागीरदार, दिनेश छामुनिया, बेनी प्रसाद, अमित छामुनिया, जयदीप, कुंदन, ज्ञानचंद आदि मौजूद थे। इस ऐतिहासिक अवसर पर हजारों श्रद्धालु जयपुर, किशनगढ़, कोटा, निवाई, लावा, डिग्गी, टोडा, देवली, पिपलु, उनियारा, इचलकरंजी, पारसोला, धरियावद, सनावद, जोबनेर, इंदौर, सूरत, नैनवा, सांगानेर, अजमेर, कर्नाटक, कोलकाता, अहमदाबाद, सूरत, गोहाटी, सलूंबर, सहित अनेक स्थानों से उपस्थित हुए।