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प्रदेश में दो वर्षीय पशुपालन डिप्लोमा संस्थान खोलना आसान होगा। इसके पशुपालन डिप्लोमा संस्थान की स्थापना, संचालन के विभागीय प्रक्रिया, दिशा-निर्देश, नीति-2022 में जरूरी बदलवा कर संशोधित पॉलिसी-2025 लागू की जाएगी। मंत्रिमंडलीय उप समिति ने नीति-2022 में आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव दिया है। उपसमिति की बैठक पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत की अध्यक्षता में हुई। उप समिति के सदस्य व खाद्य मंत्री सुमित गोदारा, पशुपालन व डेयरी राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कुछ मामलों में संशोधन का सुझाव रखा। इन संशोधन के सुझावों पर सभी सदस्यों की सहमति के बाद अंतिम निर्णय के लिए मामला मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भेजा जाएगा। इसके बाद आंशिक संशोधन कर नई पॉलिसी-2025 लागू की जाएगी। नई पॉलिसी के तहत प्रदेश में पशुपालन डिप्लोमा संस्थान खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। उपसमिति की बैठक में नए संस्थान के लिए आवेदक संस्थान के नाम कुल भूमि, पंजीकरण शुल्क व निरीक्षण शुल्क, संस्थान में सीसीटीवी एवं बायोमैट्रिक मशीन के प्रावधान, सीट में बढ़ोतरी तथा निजी विश्वविद्यालयों के लिए एनओसी के प्रावधानों को लेकर विचार विमर्श हुआ। वर्तमान में हैं 81 संस्थान उप समिति के संयोजक जोराराम कुमावत ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर से जुड़े 81 संस्थानों द्वारा दो वर्षीय पशुपालन डिप्लोमा पाठयक्रम का संचालन हो रहा है। इन संस्थानों में से जोधपुर, उदयपुर, कोटा व जयपुर के चार प्रशिक्षण संस्थान राजकीय क्षेत्र में स्थापित हैं। इन संस्थानों से दो वर्षीय डिप्लोमा पाठयक्रम प्राप्त कर प्रतिवर्ष लगभग 5000 से अधिक पैरा-वेट्स पास होते हैं।

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