कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा गुरुवार को उदयपुर में खाद बनाने वाली एक फैक्ट्री पर छापा मारा। इस फैक्ट्री में सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) खाद बनाया जाता है, जिसमें बड़े स्तर पर मिलावट होना सामने आया था। उमरड़ा स्थित पटेल फास्फोरस कंपनी में मंत्री ने खाद के सैंपल लिए। मंत्री ने सैंपल हाथ में लेकर कहा- इसमें मिलावट है। इसके बाद आसपास की फैक्ट्रियों में भी जांच की। मंत्री किरोड़ी ने कहा- SSP खाद में मिलावट की जानकारी मिली थी। ये लोग सल्फ्यूरिक एसिड की घटिया क्वालिटी डालते है। ये पत्थर गलते नहीं है और ये किसान के काम का नहीं रहता है। इसमें कंटेंट जितना होना चाहिए उतना नहीं मिला। पहले हमारे अधिकारियों ने 6 बार जांच कर ली थी। मई में अलग-अलग सैंपल लिए गए थे, जो मानकों पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने कहा- पहले भी शिकायत मिली थी। केंद्र की टीम भी यहां आकर गई थी। इस फैक्ट्री में 6 महीने तक इनकी सब्सडी सस्पेंड रखी है लेकिन ये सुधर नहीं रहे है। किसान के साथ धोखा कर रहे है। इस कंपनी को एक बैग पर 388 रुपए की सब्सिडी तो भारत सरकार देती है, जिसे ये खा ही जाते है और अब घटिया प्रोडक्ट बनाकर किसान को लूट रहे है। कृषि मंत्री लगातार अलग-अलग जिलों में खाद्य और नकली बीज को लेकर फैक्ट्रियों में निरीक्षण कर रहे हैं। खाद में घटिया क्वालिटी का रॉक फॉस्फेट मिला रहे थे
मंत्री ने कहा- सभी फर्मों को देखेंगे और सभी को कहेंगे कि अपनी क्वालिटी सुधारें। किसानों को बर्बाद मत करो। इनको 388 रुपए की सब्सिडी भारत सरकार देती है। ये सब्सिडी खा जाते हैं और घटिया माल बनाकर किसान को लूट रहे हैं। नकली और घटिया माल बनाने वाली कंपनियों के सैंपल लेकर टेस्ट करवाएंगे। उन्होंने कहा- सरकार इन फैक्ट्री वालों को प्रमोट कर एसएसपी (सिंगल सुपरफॉस्फेट) खाद के 50 किलो के बैग पर 388 रुपए की सब्सिडी दे रही है, लेकिन इन बैग में मिलावट मिली। हमें शिकायत मिली कि इसमें रॉक फॉस्फेट घटिया गुणवत्ता का उपयोग कर रहे थे। शिकायत सही मिली है। मंत्री ने बताया कि इनका 12 मई 2025 को एक सैंपल लिया गया था। इसमें 14.5 प्रतिशत फास्फोरस तत्व मिलना चाहिए था, लेकिन यह 8.5 प्रतिशत ही मिला। 14 मई को सैंपल में 6.36 प्रतिशत फास्फोरस तत्व मिला। 30 अप्रेल को सैंपल में 7.2 प्रतिशत फास्फोरस तत्व ही मिला। ये घटिया है, जो किसान के काम का नहीं है। 11 सैंपल लिए, सभी फेल पाए गए
कृषि मंत्री ने बताया- यहां अब तक 11 सैंपल लिए गए। सभी अमानक (फेल) पाए गए हैं। मतलब काम का खाद किसान को नहीं दिया जा रहा है। एसएसपी तैयार करने वालों के खिलाफ हमारी कोई दुर्भावना नहीं है। हम इनको मजबूत और प्रमोट करना चाहते हैं। उन्होंने कहा- यहां भी किसानों के साथ किशनगढ़ जैसा खेल न हो। वहां पर काला रंग कर दिया डीएपी हो गया। व्हाइट रंग कर दिया मतलब एसएसपी हो गया और ब्राउन कर दिया वो एमएपी हो गया। उस दृष्टि से सभी फैक्ट्रियों को हम देख रहे है। उमरड़ा क्षेत्र में पांच फैक्ट्रियों का निरीक्षण
मंत्री ने शाम साढ़े 6 बजे तक उमरड़ा क्षेत्र में पांच फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया। फास्फोरस फैक्ट्री के अलावा वे रामा फास्फेट फैक्ट्री गए। वहां उन्होंने तैयार किए गए खाद का पूरा रिकॉर्ड देखा। इसके बाद प्रेम सखी, अदिशा-आईपीएल और खींचा फैक्ट्री में भी गए। उनकी टीम ने सभी जगह से सैंपल लिया। डीएपी का विकल्प है एसएसपी एसएसपी खाद का पूरा नाम सिंगल सुपर फास्फेट है। सरकार ने डीएपी खाद के संकट के बीच विकल्प के तौर पर किसानों से एसएसपी खाद का उपयोग करवा रही है और इसको प्रमोट करने के लिए भारत सरकार सब्सिडी तक दे रही है। ……………………………………………………………………………………………………. मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के छापेमारी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- ललित मोदी के परिवार की कंपनी पर किरोड़ीलाल की छापेमारी:कृषि मंत्री बोले- मैंने पता किया है ये फैक्ट्री-गोदाम किसके हैं; सैंपल लिए, गोदाम सील कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने राजधानी जयपुर और आसपास 6 पेस्टिसाइड फैक्ट्रियों और उनके गोदामों पर छापा मारकर कई जगह सैंपल लिए। आईपीएल के पूर्व कमिश्रनर ललित मोदी के परिवार की कंपनी के गोदाम को सील कर दिया। (पढ़ें पूरी खबर) मंत्री को देखकर फैक्ट्री के ताला लगाकर भागे कर्मचारी:किरोड़ी फिर खाद की फैक्ट्रियों में पहुंचे; कृषि अधिकारियों ने 5 फैक्ट्री सीज की कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन अजमेर के किशनगढ़ की खाद फैक्ट्रियों में जांच करने पहुंचे। मंत्री को देखकर एक-दो जगह कर्मचारी ताला लगाकर भाग गए। (पढ़ें पूरी खबर)
