प्रदेश में बजरी खनन पर सियासी संग्राम जारी हैं। विपक्ष के आरोपों के बाद आज बीजेपी प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मंत्री सुमित गोदारा और विधायक कैलाश वर्मा ने कहा कि कांग्रेसराज में तत्कालीन गहलोत सरकार ने बजरी माफियाओं को पनपाया था। विधायक कैलाश वर्मा ने गहलोत राज में उनके वरिष्ठ विधायक भरत सिंह द्वारा खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर लगाए गए आरोपों की खबरों को दिखाते हुए कहा कि गहलोत ने प्रदेश में बजरी माफियाओं को खुली छूट दे रखी थी। उन्होने कहा कि भजनलाल सरकार तो बजरी माफिया पर कड़ी कार्रवाई कर रही हैं। मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि अब बजरी माफिया भी समझ रहा है कि राजस्थान में पहले जैसा शासन नहीं है, जहां लूट मची हुई थी। किरोड़ी की शिकायत पर कार्रवाई हुई
जब मंत्री सुमित गोदारा से पूछा गया कि विपक्ष ही नहीं, आपकी सरकार के मंत्री किरोड़ीलाल मीणा भी कह चुके है कि बनास नदी में करोड़ों का अवैध खनन हो रहा है। इस पर मंत्री गोदारा ने कहा कि जब यह विषय सरकार के सामने आयो तो इस पर कार्रवाई करते हुए टोंक जिले में चैक पोस्ट स्थापित की गई। पिछले 15 दिन में ही टोंक में अवैध बजरी खनन के 10 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। उन्होने कहा कि मामला सामने आने के बाद वहां सख्ती से कार्रवाई हुई है। जिसके बाद वहां से अब कोई शिकायत नहीं आएगी। भजनलाल सरकार में लगाम लगी
मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि भाजपा की भजनलाल सरकार ने अवैध खनन को रोकने के लिए मजबूत इच्छा शक्ति के साथ काम किया है। हमने कांग्रेस सरकार की तुलना में इन माफियाओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की है। अगर तथ्यों और आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2023 में कांग्रेस सरकार के समय बजरी अवैध खनन के कुल 1846 प्रकरण दर्ज हुए, जबकि हमारी सरकार ने 2024 में 2514 मुकदमे दर्ज किए। साल 2023 में जहां 2360 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, वहीं हमारी सरकार ने 3583 लोगों को बजरी अवैध खनन मामले में सलाखों तक पहुंचाया। 2023 में जहां 24456 टन अवैध बजरी जब्त की गई, वहीं हमारी सरकार ने प्रभावी कार्रवाई करते हुए 1 साल में 94,952 टन अवैध बजरी जब्त की।