बीकानेर के भारत माला एक्सप्रेस वे पर हुआ सड़क हादसा इतना विभत्स था कि रात बारह बजे तक पुलिस कर्मचारी कार को काट-काटकर शवों को बाहर निकालते रहे। खुद नरेश कुमार उछलकर बाहर आ गिरा लेकिन मां-पिता, पत्नी और बच्चों के शव बुरी तरह क्षत विक्षत हो गए। नरेश हरियाणा के डबवाली में मेडिकल शॉप चलाता है। डबवाली से नरेश गुरुवार दोपहर में रवाना हुआ था। एक्सप्रेस वे से जल्दी पहुंचने की कोशिश में उसे आगे चल रहा ट्रक ट्रेलर नजर नहीं आया। संभवत: अंतिम समय में ट्रेलर के पीछे का हिस्सा दिखाई दिया, लेकिन तब तक कार अनियंत्रित हो चुकी थी। ट्रेलर के पीछे कार घुस गई। ट्रेलर से ज्यादा स्पीड थी, ऐसे में काफी अंदर तक जा धंसी। कार में सवार नरेश जोर का झटका लगने से गेट तोड़कर बाहर आ गिरा। वहीं दूसरी साइड में बैठे उसके पिता शिव कुमार का शरीर पूरी तरह क्षति विक्षत हो गया। पत्नी सुनयना, मां आरती और दो बच्चे डुग्गू और भूमिका पीछे बैठे थे। इनमें भूमिका कुछ बच गई थी। आसपास के लोगों ने जब इनको संभाला तो भूमिका की सांस चल रही थी। उसे तुरंत पास ही हनुमानगढ़ के पल्लू स्थित अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन वहां पहुंचने से पहले वो दम तोड़ चुकी थी। मां आरती, बेटा डूग्गू और पत्नी सुनयना ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया था। मेडिकल शॉप चलाता था नरेश करीब पचास साल के नरेश कुमार डबवाली में मेडिकल शॉप चलाता था। दो-तीन दिन पहले ही उसकी शॉप पर मेडिकल डिपार्टमेंट के लोग पहुंचे थे और कुछ दवाओं को नियम विरुद्ध बताते हुए कार्रवाई भी की थी। काफी लंबे समय से मेडिकल शॉप पर काम करने वाले नरेश कुमार का स्वभाव अच्छा था, ऐसे में बड़ी संख्या में डबवाली में लोग दुखी है। मंदिर दर्शन को जा रहे थे डबवाली से नरेश का पूरा परिवार मंदिर दर्शन के लिए राजस्थान आ रहा था। संभवत: ये सभी सालासर के लिए रवाना हुए थे। प्रयास ये था कि सुबह जल्दी सालासर पहुंच जाएंगे ताकि भीड़ से बचकर जल्दी दर्शन कर लेंगे। नियति को कुछ और ही मंजूर था। मंदिर पहुंचने से पहले ही ये हादसा हो गया। अभी नहीं पहुंचे परिजन डबवाली में रहने वाले नरेश के परिवार के अन्य सदस्यों को बीकानेर पुलिस ने रात को ही सूचना कर दी लेकिन सुबह साढ़े आठ बजे तक कोई सदस्य महाजन नहीं पहुंचा। ऐसे में पोस्टमार्टम अब तक शुरू नहीं हुआ है। संभावना है कि दस बजे तक ही पोस्टमार्टम प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे।