सहभागी राजपूत परिवार संघ, राजस्थान के आह्वान पर आज कलेक्ट्रेट, झुंझुनू पर सैकड़ों लोगों ने धरना प्रदर्शन किया। यह धरना राज्यसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद द्वारा मेवाड़ के महान योद्धा महाराणा सांगा के कथित अपमान के विरोध में आयोजित किया गया था। धरने में राजपूत समुदाय के साथ-साथ मुस्लिम कायमखानी, चारण और राजपुरोहित समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर और तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर सांसद के खिलाफ नारे लिखे हुए थे और महाराणा सांगा के सम्मान की बात कही गई। उन्होंने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की। सहभागी राजपूत परिवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर महावीर सिंह ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यसभा सांसद द्वारा महाराणा सांगा जैसे महान व्यक्तित्व का अपमान अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि यह न केवल एक व्यक्ति का अपमान है, बल्कि पूरे राजस्थान और देश के उन सभी लोगों का अपमान है जो महाराणा सांगा को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। सिंह ने राज्यसभा के सभापति पर भी कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें भी इस मामले में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए था। उन्होंने मांग की कि भविष्य में यदि कोई भी सांसद या विधायक किसी भी महापुरुष के बारे में गलत टिप्पणी करता है, तो उसे चुनाव लड़ने से वंचित किया जाना चाहिए, जेल भेजा जाना चाहिए और यहां तक कि देशद्रोह घोषित किया जाना चाहिए। धरने में उपस्थित महेन्द्र सिंह शेखावत, इन्द्राज सिंह चौहान, नरसिंह नारायण शेखावत और भंवरलाल सहित अन्य वक्ताओं ने भी सांसद के बयान की कड़ी निंदा की और महापुरुषों के सम्मान की रक्षा के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया। धरने में शामिल विभिन्न समुदायों के लोगों ने एकजुट होकर महापुरुषों के सम्मान की रक्षा करने और इस तरह के अपमानजनक बयानों का पुरजोर विरोध करने का संकल्प लिया। धरने के अंत में, सहभागी राजपूत परिवार संघ की ओर से राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा गया। प्रमुख मांगें रखी गईं राज्यसभा के उस सपा सांसद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिन्होंने महाराणा सांगा का अपमान किया है राज्यसभा के सभापति के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए, जिन्होंने सांसद के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। संपूर्ण भारत देश में अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से प्रथम कक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक महापुरुषों की जीवनी और गौरव गाथा पढ़ाई जाए और उनकी परीक्षा पास करना अनिवार्य हो। यदि कोई भी सांसद या विधायक किसी भी महापुरुष के बारे में गलत टिप्पणी करता है, तो उसे भविष्य में चुनाव लड़ने से वंचित किया जाए। महाराणा सांगा के अपमान के लिए पूरी राज्यसभा सामाजिक रूप से लिखित माफी मांगे और व्यवस्था के सभापति पूरे देश से माफी मांगें।धर्म और जाति पर टिप्पणी करने से पहले उसे प्रमाणित करना आवश्यक किया जाए।