प्रदेश सरकार के महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण के फैसले को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है। नागौर जिला कलेक्ट्रेट पर युवाओं ने विरोध-प्रदर्शन किया और जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। इससे पहले युवा किसान छात्रावास से नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। पुलिस ने कलेक्ट्रेट का दरवाजा बंद कर युवाओं को रोका और युवाओं के प्रतिनिधिमंडल को ज्ञापन देने के लिए अंदर भेजा। प्रतिनिधिमंडल के युवाओं ने राजस्थान युवा शक्ति एकीकृत महासंघ प्रदेशाध्यक्ष मनोज मीणा व प्रदेश उपाध्यक्ष छोटूराम गोदारा के नेतृत्व में ज्ञापन देते हुए कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा तृतीय शिक्षक श्रेणी भर्ती में महिलाओं के आरक्षण को 30% से बढ़ाकर 50% करना कतई न्याय संगत नहीं है। क्योंकि राजस्थान में ना तो महिलाओं की जनसंख्या पुरुषों के बराबर है और ना ही महिला साक्षरता पुरुषों के बराबर है। इस आरक्षण वृद्धि के कारण पुरुष वर्ग को नुकसान होगा। फिर पुरुष वर्ग के लिए नाम मात्र की सीटें केवल 14.5% ही शेष रह जाती हैं। यह पुरुष वर्ग के साथ अन्याय है इस महिला आरक्षण में वृद्धि कर लड़कों को एक तरह से अवसाद में डाल दिया है। बेरोजगारों को आशंका है कि शिक्षक भर्ती के अलावा अन्य भर्तियों में भी सरकार महिला आरक्षण को 50% कर सकती है। इसमें संशोधन नहीं किया गया तो बड़े आंदोलन किए जाएंगे। सरकार को यदि महिला सशक्तिकरण करना है तो सबसे पहले विधानसभा में 50 फीसदी भागीदारी करें। अध्यापन क्षेत्र में आरक्षण करने से नौकरियों का राजनीतिकरण हो जाएगा।