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श्मशान के लिए रास्ता नहीं मिलने पर महिला के शव को लेकर जा रहे परिजन रास्ते में धरने पर बैठ गए। परिजनों ने अर्थी रखकर रास्ता देने की मांग की। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और राजस्व अधिकारी को भी मौके पर बुलाया। लेकिन करीब 5 घंटे तक परिजन अपनी बात पर अड़े रहे। हालांकि स्थायी समाधान करवाने का आश्वासन दिया। तब जाकर ग्रामीण महिला का अंतिम संस्कार करने को सहमत हुए। मामला दौसा जिले के मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र के पाड़ली गांव का है। दरअसल पाड़ली निवासी कंचन देवी (55) की मौत के बाद परिजन उसे अंतिम संस्कार के लिए लेकर जा रहे थे। इस दौरान वहां स्थित खातेदार ने अंतिम यात्रा को उनके खेत से होकर गुजरने से रोक दिया। जबकि ग्रामीणों का कहना था की श्मशान के लिए रास्ता नहीं होने के कारण वर्षों से इन्हीं खेतों में होकर आवाजाही होती आई है। लेकिन अब खातेदार ने लोगों का आवागमन बंद करा दिया। ऐसे में प्रशासन को रास्ता खुलवाना चाहिए। घटना के दौरान मौके पर बड़ी तादाद में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। ग्रामीणों द्वारा रास्ता खुलवाने की मांग को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन की सूचना के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी कई घंटे तक मौके पर नहीं पहुंचे। इससे लोगों में रोष व्याप्त हो गया और वे रास्ता नहीं खुलवाने तक महिला अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़ गए। करीब 5 घंटे बाद तहसीलदार के निर्देश पर राजस्व अधिकारी मौके पर पहुंचे और रास्ते की समस्या का स्थाई समाधान करवाने का आश्वासन दिया। तब जाकर ग्रामीण महिला का अंतिम संस्कार करने को सहमत हुए।

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