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रणथम्भौर की प्रसिद्ध बाघिन टी-84 ऐरोहेड की मौत का पता उसकी बेटी रिद्धि के संकेतों से चला। बेटी रिद्धि अपनी मां ऐरोहेड को उसकी मौत के बाद काफी देर तक निहारती रही। जब रिद्धि एकटक लगातार ऐरोहेड को देखती रही तो वन विभाग ने इसको जांचा, जिसके बाद ही ऐरोहेड की मौत का पता चला। बाघिन ऐरोहेड ने गुरुवार को अंतिम सांस ली। पोस्टमॉर्टम के बाद विभाग ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
पोस्टमॉर्टम में पाया गया कि ऐरोहेड काफी समय से बीमार थी और ट्यूमर की परेशानी से जूझ रही थी। इसके चलते ही उसकी मौत हुई है। पोस्टमॉर्टम में डॉक्टरों ने पाया कि ऐरोहेड के कई अंदरूनी अंग काफी कमजोर और डैमेज हो चुके थे, जिससे उसकी मौत हो गई। बेटी ले रही थी विदाई, मां ने दम तोड़ा
बाघिन ऐरोहेड की बेटी-2507 कनकटी गुरुवार को रणथंभौर से विदाई ले रही थी, तभी बाघिन ऐरोहेड ने दम तोड़ दिया। इस दौरान एक और दुखद लम्हा देखने को मिला। जब बाघिन ऐरोहेड की बेटी रिद्धि अपनी मां को उसकी मौत के बाद उसे काफी देर तक निहारती रही। जिसके बाद वन विभाग को घटना का पता चला। बाघिन रिद्धि को अपनी मां ऐरोहेड को लगातार निहारते हुए देखकर वनकर्मियों को अंदेशा हुआ कि बाघिन ऐरोहेड को लगातार क्यों देखें जा रही है‌। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने ऐरोहेड की तरफ रुख किया, जहां बाघिन ऐरोहेड निढ़ाल पड़ी हुई मिली। ऐरोहेड को पोस्टमॉर्टम के बाद दी अंतिम विदाई
जिसकी सूचना वनकर्मियों ने उच्चाधिकारियों को दी। सूचना पर वनाधिकारी मौके पर पहुंचे और बाघिन के शव को अपने कब्जे में लिया। जिसके बाद शव को नाका राजबाग लाया गया। जहां मेडिकल बोर्ड ने बाघिन ऐरोहेड का पोस्टमॉर्टम किया। जिसके बाद वन्यजीव प्रेमियों ने बाघिन को अंतिम विदाई दी। अब देखिए बाघिन टी-84 ऐरोहेड के पोस्टमॉर्टम की 5 तस्वीरें… नानी ‘मछली’ की तरह किया था मगरमच्छ का शिकार
बाघिन टी-84 ऐरोहेड ने 14 जून को शाम की पारी में जोन नंबर 3 में लेक एरिया में मगरमच्छ का शिकार किया था। यहां मगरमच्छ जैसे ही तालाब से बाहर आया। किनारे पर पहले से घात लगाकर बैठी बाघिन टी-84 ऐरोहेड मगरमच्छ पर टूट पड़ी और उसको जबड़े में दबोच लिया। एरोहेड रणथंभौर की प्रसिद्ध बाघिन मछली की बेटी बाघिन कृष्णा की बेटी है। मछली को क्वीन ऑफ रणथंभौर और क्रोकोडाइल हंटर भी कहा जाता था। करीब 10 मिनट तक मगरमच्छ और बाघिन के बीच जमकर फाइट हुई, लेकिन आखिर में मगरमच्छ मारा गया। इसके बाद बाघिन मगरमच्छ को अपने मजबूत जबड़े में दबोचा और पानी से खींचकर ले गई। ये दृश्य देखकर पर्यटक रोमांचित हो उठे। यह हैरतअंगेज कारनामा वाली यह रणथम्भौर की दूसरी बाघिन थी। इससे पहले बाघिन मछली भी मगरमच्छ का शिकार कर चुकी थी। बाघिन ऐरोहेड बाघिन कृष्णा की बेटी थी। पेट में दाई तरफ था ट्यूमर
बाघिन के पेट में दाई तरफ ट्यूमर था। जिसके चलते बाघिन ऐरोहेड बहुत कमजोर हो गई थी। बाघिन ऐरोहेड को इस साल मार्च के महीने में ट्रेंकुलाइज किया गया था। जिसके बाद उसका ऑपरेशन किया गया था। इससे पहले साल 2024 के फरवरी में भी ऐरोहेड को ट्रेंकुलाइज किया गया था और उसका ऑपरेशन किया गया था। राहुल गांधी ने किए थे ऐरोहेड के दीदार
कांग्रेस नेता और लोकसभा के विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 10 अप्रैल को सुबह और शाम की पारी में रणथम्भौर नेशनल पार्क में टाइगर सफारी की थी। इस दौरान राहुल गांधी ने बाघिन टी-84 एरोहेड व उसके शावकों की अठखेलियों को अपने कैमरे में भी कैद किया था। राहुल गांधी की बहन और वायनाड़ सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी अक्सर रणथम्भौर आती रहती हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा सहित उनके बच्चे और पति रॉबर्ट वाड्रा भी प्रियंका के साथ रणथंभौर आते रहते हैं। प्रियंका गांधी तो साल में करीब दो-तीन बार रणथम्भौर आती हैं। प्रियंका के अलावा सोनिया गांधी भी रणथम्भौर आ चुकी हैं। राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी का भी रणथम्भौर से गहरा लगाव रहा। साल 2023 में दिया 3 शावकों को जन्म
बाघिन एरोहेड ने साल 2023 में 3 शावकों को जन्म दिया था। एरोहेड के पहले लिटर (ब्यात) के 3 शावक जन्म के कुछ दिन बाद ही वन विभाग की नजरों से गायब हो गए थे। इसके बाद दूसरे लिटर में बाघिन ने 2 शावकों को जन्म दिया था। इन्हें टी-124 यानी रिद्धि व टी-125 यानी सिद्धि के नाम से जाना जाता है। तीसरी बार के 3 शावक भी कुछ दिन बाद लापता हो गए थे। जिसके बाद चौथी बार के 3 शावक रणथम्भौर से बाहर भेज दिए गए है।
ऐरोहेड ने चौथी बार में 2023 में 3 शावकों को जन्म दिया, इन शावकों को आरबीटी-2507 कनकटी, आरबीटी-2508 और आरबीटी-2509 नाम दिया गया। संयोग की बात यह रही है कि ऐरोहेड के तीनों बेटे बेटियों के रणथम्भौर से जाते ही बाघिन ऐरोहेड ने दुनिया छोड़ दी। नवंबर 2024 से रणथम्भौर दुर्ग में था लगातार मूवमेंट
बाघिन अपने शावकों के साथ पहली बार नवंबर 2024 में रणथम्भौर दुर्ग में पहुंची थी। यह पहली बार था जब कोई बाघ-बाघिन रणथम्भौर दुर्ग में पहुंचा था। जिसके बाद बाघिन ऐरोहेड और उसके शावकों का दुर्ग में लगातार मूवमेंट बना रहा।
इस दौरान करीब 2 महीने के समय में टाइगर के हमलों से 3 लोगों की मौत हुई। हाल ही में (9 जून को) बाघिन के एक शावक ने जैन मंदिर के चौकीदार को मार दिया था। इससे पहले 12 मई को रेंजर देवेंद्र सिंह और 21 अप्रैल को 7 वर्षीय बच्चे कार्तिक सुमन की बाघ के हमले में मौत हो गई थी। इन जानलेवा हमलों के बाद बाघिन ऐरो​हेड के तीनों शावकों को रणथम्भौर से बाहर भेजा गया और बाघिन ऐरो​हेड ने अपनी जान दे दी। यह खबर भी पढ़ें मगरमच्छ का शिकार करने वाली बाघिन की मौत:’एरोहेड’ को ट्यूमर था; बेटी ‘कनकटी’ को मुकंदरा शिफ्ट किया, 2 लोगों को मार चुकी सवाई माधोपुर के रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघिन एरोहेड की मौत हो गई। उसे ट्यूमर था। पिछले दिनों एरोहेड(टी-84) ने तालाब में मगरमच्छ का शिकार किया था, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। पढ़ें पूरी खबर …

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