भील प्रदेश बनाने की मांग को लेकर बांसवाड़ा के मानगढ़ में महारैली को लेकर उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत ने कहा- जिस मानगढ़ धाम पर अंग्रेजों ने नरसंहार किया था। ये उन्हीं अंग्रेजों की राजनीति को आगे बढ़ा रहे है। मानगढ़ सनातन धर्म संस्कृति का स्थान है और जनजाति समाज सनातन धर्म का अभिन्न अंग है लेकिन कुछ लोग भ्रम जाल फैलाकर राजनीति कर रहे हैं। सांसद गुरुवार को जिला परिषद में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। सांसद रावत बोले- ये लोग लोकसभा और राज्यसभा को नहीं मानते। न ही आदिवासी को मानते हैं। अगर आदिवासी को मानते तो राष्ट्रपति पद पर चुनाव लड़ते वक्त द्रोपती मुर्मू को वोट देते लेकिन नहीं दिया। बीएपी सांसद पर साधा निशाना बीएपी सांसद राजकुमार रोत का नाम लिए बगैर निशाना साधा। सांसद बोले- इनको ये कहने कि आवश्यकता क्या पड़ती है कि आदिवासी हिंदु नहीं है। एक बार ये कहके देखें कि आदिवास ईसाई नहीं है। ये ईसाइयों की राजनीति करते हैं और हिंदु समाज पर आक्रमण करते हैं। कट्टरता-जातिवाद का जहर फैलाने को ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए: सांसद डूंगरपुर के एक सरकारी स्कूल में भील प्रदेश की कामना को लेकर हुई प्रार्थना के सवाल पर सांसद ने कहा- मामले में प्रिंसिपल सहित तीन शिक्षकों को एपीओ कर दिया गया है। ऐसे और भी बहुत से लोग हैं जो समाज में वैचारिक प्रदूषण फैला रहे हैं, जिन पर कार्रवाई होनी चाहिए। केवल कट्टरता और जातिवाद का जहर फैलाने के लिए ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए। जय जोहार को राजनीतिक नारा बना दिया: सांसद सांसद ने कहा- सनातन संस्कृति से मिले जय जोहार के नारे को कुछ लोगों ने राजनीतिक नारा बना दिया है। इसे किसी जाति या समूह के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करना गलत है। ये नारा राजनीतिक नारा क्यों बना। ये सारी रचना वही है जो अरबन नक्सलाइट की रचना के अनुरूप है।