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मास्टरमाइंड प्लानिंग करता था, साथी ताले तोड़ने में माहिर:गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार, 20 से अधिक वारदात कबूली; जांच में जुटी पुलिस

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झुंझुनूं जिले में लगातार हो रही चोरी की घटनाओं से परेशान आमजन को पुलिस ने बड़ी राहत दी है। पुलिस ने शहर और आसपास के इलाकों में रात के अंधेरे में सुनसान मकानों को निशाना बनाने वाले एक सक्रिय और संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के तीन प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 20 से अधिक चोरियों को अंजाम देने की बात कबूल की है। 28 मई को दर्ज करवाया था मामला कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह राजावत के नेतृत्व और कोतवाली थाना प्रभारी हरजिंद्र सिंह के निर्देशन में पुलिस टीम का लगातार किया तकनीकी किए। पुलिस ने गिरोह को पकड़ने के लिए करीब 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और पुराने अपराधियों से पूछताछ करते हुए सुराग जोड़े। इस पूरी कार्रवाई की शुरुआत 28 मई 2025 को हुई जब शास्त्री नगर निवासी नरेंद्र सिंह ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी कि 27 मई की रात उनके घर में चोरी हुई है। वह परिवार सहित गांव गए हुए थे, और सुबह लौटने पर देखा कि घर का मुख्य ताला टूटा हुआ था तथा सामान गायब था। पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लिया और टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर जांच शुरू की। तीन संदिग्ध की हुई थी गिरफ्तारी जांच के दौरान आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने पर कुछ संदिग्ध गतिविधियां सामने आईं। फुटेज में दिखे कुछ वाहन और व्यक्तियों की पहचान करने के लिए पुलिस ने तकनीकी जांच करते हुए मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) खंगाले। इसके साथ ही पुराने मामलों में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की गई और संदिग्धों की जानकारी जुटाने के लिए मुखबिरों को सक्रिय किया गया। लगातार हो रहे प्रयासों के बाद पुलिस टीम को सफलता मिली और तीन युवकों को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अजय कुमार पुत्र हवासिंह, राजकुमार उर्फ बीनू पुत्र शंकरलाल, दोनों निवासी भावठड़ी थाना सूरजगढ़ हाल ग्रीन सिटी बाकरा रोड, झुंझुनूं, तथा सौरभ स्वामी पुत्र लक्ष्मण निवासी लोहसना बड़ा, थाना दूधवाखारा जिला चुरू शामिल हैं। इनमें से सौरभ के खिलाफ 8 आपराधिक प्रकरण पूर्व में दर्ज हैं, जबकि अजय और राजकुमार के खिलाफ एक-एक प्रकरण पहले से लंबित है। रेकी कर घुसते थे मकान में पुलिस पूछताछ में इन तीनों आरोपियों ने कबूल किया कि वे रात्रि में सुनसान मकानों की रेकी कर चोरी की योजना बनाते थे। जब उन्हें यह पुष्टि हो जाती थी कि मकान में कोई नहीं है, तो वे ताला तोड़कर अंदर घुसते और नकदी, गहने, इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि चुराकर भाग जाते। वारदात के तुरंत बाद ये लोग क्षेत्र से निकल जाते थे और माल को अलग-अलग ठिकानों पर छिपा देते थे। इन चोरों ने झुंझुनूं शहर के कई हिस्सों में चोरी की वारदातें करना कबूली हैं। इनमें शास्त्री नगर, गुढ़ा रोड, आर्मी अस्पताल के पीछे की कॉलोनियां, पुरानी सब्जी मंडी, राणी सती रोड, मण्डावा मोड़, चुरू रोड और हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा इन्होंने थाना सदर, गुढागौड़जी और मलसीसर क्षेत्र में भी चोरी की वारदातें करना स्वीकार किया है। एक योजना बनाता, 2 ताले तोड़ने में माहिर तीनों आरोपी बेहद चालाकी से वारदातों को अंजाम देते थे। पूछताछ में पता चला कि सौरभ स्वामी गिरोह की योजना बनाता और रेकी करता था, जबकि अजय और राजकुमार वारदात के समय मुख्य रूप से ताले तोड़ने और सामान इकट्ठा करने का काम करते थे। इनके पास चोरी के लिए खास औजार भी होते थे, जिससे ये बिना आवाज किए ताले तोड़ देते थे। इस गिरोह को पकड़ने में कोतवाली थाना प्रभारी हरजिंद्र सिंह और उनकी टीम की कड़ी मेहनत रही। कॉन्स्टेबल प्रवीण सहित पूरी टीम ने कई रातें जागकर संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखी और अंततः इस शातिर गिरोह को दबोचने में सफलता पाई।

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