दक्षिण से राजस्थान में इस बार मानसून की एंट्री बेहद प्रभावशाली रही। इसका सीधा असर उदयपुर संभाग के सबसे बड़े माही डेम पर देखने को मिला, जहां महज 18 दिनों में 4.25 मीटर पानी की आवक दर्ज की गई। 15 जून को जलस्तर जहां 269 मीटर के करीब था, वहीं 30 जून तक यह बढ़कर 272.25 मीटर पहुंच गया। गुरुवार सुबह जलस्तर 273.25 मीटर तक पहुंच गया है। यह पिछले 25 वर्षों में जून माह की अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है। डेम की कुल क्षमता 281.50 मीटर है और वर्तमान में 40.21 टीएमसी पानी संग्रहित हो चुका है। आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले वर्ष 2000 में जून में जलस्तर 269.45 मीटर दर्ज हुआ था, जो इस बार के मुकाबले लगभग 3 मीटर कम था। वहीं, सबसे कम जलस्तर वर्ष 2002 में 258.35 मीटर रहा था। इस बार किसानों को अच्छी फसल पैदावार की उम्मीद है। माही में भी पानी की आवक अच्छी होने से नहरों से भी रबी और खरीफ में पर्याप्त पानी मिलेगा। जिले में रबी और खरीफ दोनों ही सीजन में मक्का की खेती की जा रही है। जिले में मक्का की खेती 1 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में की गई है. वहीं सोयाबीन की खेती करीब 70 हजार हेक्टेयर में की जाती है। यहां किसान रबी के दौरान भी बड़े पैमाने पर मक्का की फसल उगा रहे हैं। 25 साल का रिकॉर्ड गत पच्चीस साल में बांध 30 जून तक कभी भी 272 मीटर तक नहीं पहुंचा। महज पन्द्रह दिन में बांध में पानी की अच्छी आवक हुई है। अगर यही गति रही तो बाध जल्द भरने की उम्मीद है। पीसी रेगर, एक्सईएन,माही परियोजना।
माही बांध का जलस्तर 273.25 मीटर पहुंचा:पिछले 25 सालों में पानी की आवक का रिकॉर्ड टूटा, 18 दिनों में 3.28 मीटर आवक
