करौली के सपोटरा उपखंड के डाबरा गांव निवासी मीरा मीणा की संदिग्ध मौत को लेकर 34 घंटे से चल रहा धरना सोमवार शाम प्रशासन और परिजनों के बीच सहमति बनने के बाद समाप्त हो गया। मीरा के शव को सड़क पर रखकर परिजन और ग्रामीण करौली-सपोटरा मुख्य सड़क मार्ग को जाम कर प्रदर्शन कर रहे थे। परिजनों का आरोप था कि जमीन विवाद के चलते मीरा को जान बूझकर कुएं में धकेला गया, जिससे घायल होने के बाद इलाज के दौरान जयपुर में उसकी मौत हो गई। प्रशासन ने दिए आश्वासन, एक आरोपी डिटेन
धरने के दौरान क्षेत्र में भारी तनाव रहा। प्रशासन की ओर से एडिशनल एसपी गुमनाराम, डिप्टी एसपी कन्हैयालाल चौधरी और उपखंड अधिकारी प्रेमराज मीणा लगातार मौके पर मौजूद रहकर समझाइश का प्रयास करते रहे। 34 घंटे के बाद प्रशासन और ग्रामीणों के बीच सहमति बनी, जिसमें पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी, निष्पक्ष जांच, परिवार की सुरक्षा और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का आश्वासन शामिल था। सहमति के बाद प्रदर्शनकारियों ने शव को सड़क से हटाया, जिसके साथ ही सपोटरा-करौली मुख्य मार्ग को बहाल कर दिया गया। इधर पुलिस ने एक आरोपी को डिटेन भी कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। जान बूझकर कुएं में धकेलने का आरोप
परिजनों ने बताया कि मीरा मीणा को आपसी रंजिश और जमीन विवाद के चलते कुएं में धकेल दिया गया था। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इलाज के दौरान जयपुर में उसकी मौत हो गई। अब प्रशासन की ओर से निष्पक्ष जांच का भरोसा दिए जाने के बाद मामला शांत हुआ है, लेकिन ग्रामीणों ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग को दोहराया है।

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