movie review cover 41 1720608865 78AimJ

अक्षय कुमार स्टारर फिल्म सरफिरा इस शुक्रवार को रिलीज होगी। रियल लाइफ स्टोरी पर बेस्ड इस फिल्म की लेंथ 2 घंटे 35 मिनट है। दैनिक भास्कर ने इसे 5 में से चार स्टार रेटिंग दी है। यह फिल्म साउथ बेस्ड बिजनेसमैन जी.आर.गोपीनाथ की लाइफ पर बेस्ड है। जी.आर.गोपीनाथ ने देश में पहली बार सस्ती एयरलाइन शुरू की थी। उनका सपना था कि समाज का सबसे निचला व्यक्ति भी हवाई सफर का आनंद उठा सके। साउथ में पहले ही इस पर सोरारई पोटरु नाम से फिल्म बन चुकी है। सूर्या स्टारर इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। फिल्म की कहानी क्या है?
सोरारई पोटरु की कहानी का बैकड्रॉप साउथ का था, सरफिरा में महाराष्ट्र का बैकग्राउंड दिखाया गया है। महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में जन्म लेने वाला वीर म्हात्रे (अक्षय कुमार) बचपन से ही क्रांतिकारी सोच का है। वो समाज में शोषितों और वंचितों के लिए कुछ करना चाहता है। इसी सोच के साथ वो इंडियन एयरफोर्स जॉइन करता है, हालांकि इसी बीच एक घटना होती है। वीर के पिता की तबीयत बहुत खराब हो जाती है, वे अंतिम वक्त पर अपने बेटे को बस एक नजर देखना चाहते हैं। वीर जैसे-तैसे करके आर्मी कैंप से दोस्तों से कुछ पैसे उधार लेकर वहां से निकलता है। जल्दी घर पहुंच सके, इसके लिए एयरपोर्ट का रुख करता है। हालांकि वहां जाकर पता चलता है कि एयरलाइन की टिकट बहुत महंगी है और उसके पास टिकट के सिर्फ आधे ही पैसे हैं। वो एयरलाइन वालों से विनती करने लगता है कि कैसे भी करके उसे जाने दें। वो वहां मौजूद लोगों से मदद भी मांगता है, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजता है। आखिरकार वीर सही समय पर घर नहीं पहुंच पाता है और उसके पिता परलोक सिधार जाते हैं। इसी घटना के बाद वीर प्रण लेता है कि वो ऐसी एयरलाइन शुरू करेगा जिसमें लोग कम दाम में भी हवाई सफर कर सकें। उसके इस काम में काफी बाधाएं और खलल पैदा की जाती हैं। टॉप एयरलाइन चलाने वाले बिजनेसमैन परेश गोस्वामी (परेश रावल) वीर के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा बनता है। परेश की सोच है कि निचला तबका या मध्यम वर्गीय लोग प्लेन में ट्रैवल नहीं कर सकते, इसमें सफर करने का अधिकार सिर्फ पैसे वालों को है। वीर को गिराने के लिए परेश सारे हथकंडे इख्तियार कर लेता है। वीर अपनी फैमिली और दोस्तों के सपोर्ट के साथ लगातार उस दिशा में काम करता है। अब वीर इन मुसीबतों से कैसे पार पाता है, कैसे वो अपना सपना पूरा करता है, यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी। स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?
इस फिल्म का सबसे फोकस पॉइंट अक्षय कुमार की एक्टिंग ही है। काफी वक्त बाद अक्षय कुमार अपनी एक्टिंग के दम पर लोगों को रुलाते नजर आए हैं। इमोशनल सीन्स को उन्होंने इतना बखूबी पर्दे पर उकेरा है कि आपके आंखें नम हो सकती हैं। अक्षय की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। एक अहंकारी बिजनेसमैन के रोल में परेश रावल भी काफी नेचुरल एक्टिंग करते नजर आए हैं। उनका भी स्क्रीन प्रेजेंस कमाल रहा है। वीर म्हात्रे की पत्नी यानी रानी के किरदार में राधिका मदान ने भी बहुत अच्छा काम किया है। उनका किरदार एक ढीठ और स्वाभिमानी महिला का है, जिसमें वो बिल्कुल परफेक्ट लगी हैं। बाकी सारे सपोर्टिंग एक्टर्स ने अपने-अपने रोल में बेहतर काम किया है। डायरेक्शन कैसा है?
ओरिजिनल फिल्म (सोरारई पोटरु) बनाने वाली सुधा कोंगरा प्रसाद ने ही सरफिरा का भी डायरेक्शन किया है। वैसे तो रीमेक फिल्मों का चलन बहुत पहले से चला आ रहा है, लेकिन कम ही ऐसी फिल्में होती हैं, जो अपने मूल फिल्म से बेहतर या इसके आस-पास होती हैं। सरफिरा इसमें से एक है और इसके लिए डायरेक्टर सुधा कोंगरा प्रसाद को पूरे नंबर मिलने चाहिए। उन्होंने उसी कहानी को नए अंदाज और नए कैरेक्टर्स के साथ ताजातरीन अंदाज में पेश किया है। उन्होंने फिल्म में रोमांच, एक्साइटमेंट और इमोशन कूट-कूटकर डालने की कोशिश की है और इसमें सफल भी रही हैं। फिल्म की शुरुआत में एक गाना है, जो फिल्म की लेंथ को बेवजह खींचता है। इसे अवॉयड करते तो फिल्म की लेंथ 10-15 मिनट कम हो सकती थी। फिल्म का म्यूजिक
यह जिस टाइप की फिल्म है, इसमें गानों का उतना स्कोप नहीं है, फिर भी फिल्म में दो-तीन गाने डाले गए हैं। हालांकि जब डाले ही गए थे, तो थोड़े बेहतर होने चाहिए थे। एक भी ऐसा गाना नहीं है, जिसे सुनकर कानों को सुकून मिला हो। म्यूजिक काफी लाउड है, इस पर थोड़ा सा और काम करना चाहिए था। फाइनल वर्डिक्ट, देखे या नहीं?
अगर आपने इसका मेन वर्जन नहीं देखा है तब तो यह फिल्म आपको हर मायनों में काफी अच्छी लगेगी। अगर आपने देखी भी होगी तब भी यह फिल्म आपको बोर नहीं करेगी। चूंकि कहानी में ही इतना दम है कि यह चाहे जिस भी भाषा में रिलीज हो, इसे पसंद जरूर किया जाएगा। इसके बावजूद कास्टिंग बहुत जरूरी चीज है, हमने कई बार एक अच्छी खासी स्टोरी को खराब कास्टिंग की वजह से पिटते देखा है। इस फिल्म की खासियत यह है कि अक्षय कुमार अपनी एक्टिंग की बदौलत इसे अलग लेवल पर लेकर गए हैं। कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने मेन वर्जन के हीरो सूर्या को भी ओवरशैडो कर दिया है। जो इमोशन अक्षय लेकर आए हैं, वो शायद सूर्या भी नहीं कर पाए। कुल मिलाजुला कर यह एक मस्ट वॉच फिल्म है, इसे आप पूरी फैमिली के साथ देख सकते हैं।

By

Leave a Reply