राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) की ओर से सरकारी मेडिकल कॉलेज में नियुक्त एसिस्टेंट प्रोफेसर सोमवार से हड़ताल पर चले गए। इन एसिस्टेंट प्राफेसरों का कहना था कि सरकार ने हाल ही में बजट घोषणा में राजमेस के तहत नियुक्ति सहित सरकारी सेवा में काम कर रहे सभी एसिस्टेंट प्रोफेसरों को राजस्थान सर्विस रूल्स का लाभ देने की घोषणा की थी, लेकिन अब सरकार ने यह लाभ केवल एक अगस्त 2024 के बाद नियुक्त एसिस्टेंट प्रोफेसरों को ही देने का फैसला किया है। इसके साथ ही राजमेस में नियुक्त एसिस्टेंट प्रोफेसरों के शेष पदों को भी डाइंग कैडर में मान लिया गया है। यानी अब ये पद समाप्त माने जाएंगे। ऐसे में इन एसिस्टेंट प्रोफेसरों का कहना है कि इस तरह से तो उनके बाद सेवा में आने वाले एसिस्टेंट प्रोफेसर उनसे ज्यादा सुविधाओं का लाभ लेंगे। यह पड़ा असर
सरकारी मेडिकल कॉलेज के राजमेस में नियुक्त 28 एसिस्टेंट प्रोफेसरों के हड़ताल पर जाने का से मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई पूरी तरह रुक गई है। यहां सोमवार को थर्ड सेमेस्टर के लोकल एक्जाम होने थे। यह परीक्षा भी नहीं हो पाई। राजमेस में नियुक्त एसिस्टेंट प्रोफेसरों का नेतृत्व कर रहे डॉ.करण शर्मा का कहना था कि अगर सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो वे आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि वे सरकारी अस्पताल में भी सेवाएं देते हैं, ऐसे में हड़ताल से वहां भी कुछ असर पड़ा है। हालांकि वहां रुटीन स्टाफ और सीनियर डॉक्टर्स सेवा दे रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज के एसिस्टेंट प्रोफेसर हड़ताल पर:कॉलेज के सामने की नारेबाजी, कहा राजमेस के डॉक्टरों को भी दें आरएसआर का लाभ
