करीब 450 साल से उदयपुर के मेनार गांव में खेली जा रही बारूद की होली आज जमराबीज को मनाई जाएगी। मुगलों की सेना को शिकस्त देने और मेनार में उनकी चौकी को ध्वस्त करने के उत्साह में यह आयोजन आज दोपहर में शुरू हुआ। उदयपुर से करीब 45 किलोमीटर दूर उदयपुर-चित्तौड़गढ़ नेशनल हाईवे पर मेनार गांव आज दोपहर में ऐतिहासिक बारूद की होली की शुरुआत से पहले सालों से चली आ रही परम्परा निभाई गई। गांव में शाही लाल जाजम बिछी, जिस पर लोगों से मनुहार की गई। इसमें आसपास के गांवों से मेनारिया ब्राह्मण समाज के पंच, मौतवीर (गांव के बुजुर्ग लोग) शामिल हुए। ओंकारेश्वर चौक में इस रस्म में लाल जाजम पर वहीं बैठ सकते है जो धोती-कुर्ता और लाल पाग धारण कर रखी हो। इस रस्म के बाद गांव में गांव में आए मेहमानों की मेेहमाननवाजी होगी। कई बहन-बेटियां इस कार्यक्रम में शामिल होने आए हैं। शाम बाद बाहर से भी लोग इस आयोजन को देखने आते है। रात करीब 10 बजे बाद गांव में बारूद की होली शुरू होगी जो रात के ढाई बजे तक चलती है। परम्परागत रूप से होली के बाद आने वाली दूज तिथि (जमराबीज) को इसी तरह की होली खेली जाती है। इसे देखने बड़ी संख्या में आसपास के जिलों और मध्य प्रदेश से लोग आते है और इस बार तो कुछ लोग गुजरात से भी आ रहे है। इनपुट सहयोग : सुरेश मेनारिया, मेनार