मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शेखावाटी क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने कहा कि यमुना जल समझौते को मूर्त रूप देने के लिए मिशन मोड पर कार्य किया जा रहा है। लगभग 30 वर्षों पुराने गतिरोध को दूर करते हुए राज्य सरकार ने हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से यमुना जल समझौता का एमओयू किया है। समझौते के धरातल पर उतरने के बाद ताजेवाल हैड से पेयजल के लिए पानी को राजस्थान लाया जाएगा। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में सर्वश्रेष्ठ तकनीकी सहयोग लेने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में सर्वश्रेष्ठ तकनीकी सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि बेहतर कार्य योजना, आपसी सहयोग और समन्वय के साथ डीपीआर बनाने के कार्य को शीघ्र पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री शर्मा ने आईआईटी रुड़की का भी सहयोग लेने का सुझाव दिया। 253 किलोमीटर लंबी 3 पाइपलाइन का विकल्प सर्वश्रेष्ठ बैठक में हथिनी कुंड बैराज से यमुना जल लाने के लिए प्रवाह प्रणाली के 4 उपलब्ध विकल्पों की समीक्षा की गई। केंद्र जल आयोग द्वारा सुझाया गया 253 किलोमीटर लंबी 3 पाइपलाइन का विकल्प सर्वश्रेष्ठ माना गया। इसका धरातलीय परीक्षण हरियाणा के अधिकारियों के सहयोग से किया जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 19,000 करोड़ रुपये होगी। बैठक में उपस्थित बैठक में जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत, स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झावर सिंह खर्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता भुवन भास्कर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता सुरेंद्र गोयल, हरियाणा से मुख्य अभियंता (यमुना) नीतेश जैन, हथिनी कुंड बैराज के अधीक्षण अभियंता रविशंकर मित्तल, हिसार के अधीक्षण अभियंता विमल विश्रोई सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।