पिछले दो माह तीन लोगों मारने के बाद रणथंभौर टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-84 एरोहेड के तीनों बेटे बेटियों को रणथम्भौर से बाहर भेज दिया गया। इससे पहले एरोहेड की एक बेटी और बेटे को रणथम्भौर से बाहर भेजा गया था। वहीं एरोहेड की बेटी कनकटी को रणथम्भौर के भिड एंक्लोजर में थी। जिसे आज सुबह वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के लिए रवाना कर दिया। रेडियो कॉलर लगाकर मुकुंदरा भेजी कनकटी रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के सीसीएफ अनूप के आर ने बताया कि गुरूवार सुबह नाका भीड के अधीन एनक्लोजर से ऐरोहेड के मादा शावक आरबीटी-2507 कनकटी को ट्रेंकुलाइज किया गया। जिसका यहां स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिसके बाद बाघिन को रेडियो कॉलर पहनाकर मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व कोटा के लिए रवाना कर दिया गया है। आज बारिश के बाद मौसम सही होने पर रणथम्भौर टाइगर रिजर्व फर्स्ट के डीएफओ डॉ० रामानन्द भाकर के नेतृत्व में मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व कोटा डीएफओ मुथु, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ० राजीव गर्ग, वन विभाग के वेटरनरी ऑफिसर डॉ० सीपी मीणा, एसीएफ तेजस पाटील, फिल्ड बायोलोजिस्ट मोहम्मद मैराज, WWF के प्रोजेक्ट ऑफिसर राजशेखर, क्षेत्रीय वन अधिकारी रामखिलाडी मीणा व रेस्क्यू टीम के जसकरण सिंह की टीम ने ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। ऐरोहेड के तीनों बेटे बेटी रणथम्भौर से हुए बाहर रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में पिछले दिनों टाइगर हमलों की घटनाओं के बाद चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने एक टीम गठित की थी। कमेटी के सिफारिश अनुसार राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण एवं वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति बाद ऐरोहेड के मादा शावक आरबीटी-2507 को मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व बून्दी में शिफ्ट किया जा रहा है। आरबीटी-2507 की बहिन शावक आरबीटी-2508 को 17 जून को रामगढ विषधारी टाईगर रिजर्व बून्दी में शिफ्ट किया जा चुका है। वहीं ऐरोहेड के नर शावक आरबीटी-2509 को कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य के एनक्लोजर में रखा गया है।

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