लकड़वास और खेगरों की भागल में राशन का गेहूं डकारने के मामले में जिला रसद विभाग (डीएसओ) ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अब मामला असली दोषियों की जांच के बीच उलझता दिख रहा है। यह दुकान लैम्पस समिति के अधीन है। व्यवस्थापक झमकलाल थे व सहायक व्यवस्थापक दीपक चोरडिया हैं। दीपक का कहना है कि दुकान का पूरा काम झमकलाल देखते थे। उनका व उनके पिता प्रहलाद का कोई लेना-देना नहीं है। सियासत करने वाले उनका नाम घसीट रहे हैं। झमकलाल का 23 मई को निधन हो चुका। अब दुकान का काम मांगीलाल देख रहे हैं। करीब 650 गरीब परिवारों से जुड़े 3 हजार लोगों का मार्च-अप्रैल और मई माह का करीब 450 क्विंटल गेहूं डकारा गया है। इसकी बाजार कीमत 24 रु. किलो के हिसाब से करीब 11 लाख है। ये गेहूं अंत्योदय अन्न योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देना था। अभी दोषी ढूंढ रहे, फिर रिकवरी करेंगे डीएसओ मनीष भटनागर ने बताया कि संबंधित लैम्पस समिति के अध्यक्ष से लेकर सदस्यों व उनकी भूमिका की जांच कर रहे हैं। इसका पता लगते ही आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा और रिकवरी होगी। यह भी जांच की जा रही कि डीएसओ की फर्जी टीम बनाकर कौन लोग ग्रामीणों के बीच भेजे जाते रहे।

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