सीकर संभाग व नीमकाथाना जिला बहाल करने की मांग को लेकर गुरुवार को सीकर कोर्ट के बाहर छठे दिन वकीलों का कार्मिक अनशन व धरना-प्रदर्शन जारी रहा। धरने में सीकर सांसद अमराराम भी अपना समर्थन देने के लिए माकपा कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। इसके अलावा छात्र संगठन एसएफआई ने भी धरने का समर्थन किया। सांसद अमराराम ने कहा- राजस्थान की भाजपा सरकार ने सीकर संभाग और नीमकाथाना जिला खत्म करने का काम किया है। सीकर व नीमकाथाना में पिछले डेढ़ साल से काम चल रहा था, जिसे सरकार ने अचानक खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं 20 साल तक राजस्थान की विधानसभा में जनता का प्रतिनिधित्व कर चुका हूं। इन 20 सालों में कांग्रेस और भाजपा की सरकारें बदलती रही लेकिन किसी भी सरकार ने संभाग, जिला, तहसील या जनता के हित में किए गए निर्णय को सरकार बदलने के बाद समाप्त करने का काम नहीं किया। यह पहली राजस्थान की भजनलाल सरकार है जिसने 9 जिले और तीन संभाग को समाप्त करने का काम किया है। सांसद अमराराम ने कहा कि पिछले 1 महीने से प्रदेश की जनता सरकार से जवाब मांग रही है कि जिन जिलों और संभाग को समाप्त किया गया है वह कौन से मापदंड पूरे नहीं करते। और जिन जिलों को यथावत रखा है वह जिले कौनसे मापदंड पूरे करते हैं और जिनको खत्म किया है वह कौन से मापदंड पूरे नहीं करते। सांसद अमराराम ने राजस्थान सरकार पर राजनीतिक द्वेषता का आरोप लगाते हुए कहा सीकर से लेकर गंगानगर तक पूरे शेखावाटी इलाके सहित प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी 2014 और 2019 में 25 की 25 से सीटें जीतकर गई थी। उसके बाद उनकी जनविरोधी नीतियों के कारण इस बार जनता ने उन्हें नकारने का काम किया। अमराराम ने कहा कि किसी मुद्दे को लेकर आंदोलन को निरंतर जारी रखना बहुत जरूरी है। पिछले 6 दिनों से अभिभाषक संघ लगातार क्रमिक अनशन कर रहा है। अधिवक्ता सिर्फ जिला मुख्यालय पर भी नहीं दांतारामगढ़, नीमकाथाना सहित अन्य जगहों पर भी जनता के साथ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही लोग भी लगातार सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ेगा। सांसद अमराराम ने कहा कि जिले की जनता की आवाज सड़क से लेकर संसद तक उठाने का काम वह करेंगे और सरकार को बाध्य करेंगे की सरकार अपना निर्णय वापस ले।