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राजमेस में पहले से कार्यरत मेडिकल टीचर्स को डाइंग कैडर घोषित करने पर मंगलवार को मेडिकल टीचर्स राजमेस ऑफिस का घेराव करने के लिए जयपुर गए हैं। जहां वह शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर राजमेस का घेराव करेंगे। इससे पहले सोमवार को आरएमसीटीए से जुड़े समस्त मेडिकल टीचर्स ने पीडीयू मेडिकल कॉलेज में प्रदर्शन किया। वहीं, आरएमसीटीए के समस्त डॉक्टर्स सामूहिक अवकाश पर रहे। इससे पहले सोमवार को जयपुर गए प्रतिनिधि मंडल ने चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर व राजमेस के अधिकारियों से वार्ता की। जिसमें चिकित्सा मंत्री व राजमेस के अधिकारियों के द्वारा मौखिक आदेश देकर राजस्थान सर्विस रूल्स का आश्वासन दिया है। मगर राजमेस में पहले से कार्यरत डॉक्टर ने लिखित आश्वासन देने की बात कहीं है। इसको लेकर मंगलवार सुबह चूरू से राजमेस के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज में लगे डॉक्टर निजी वाहन से जयपुर गए है। जहां वह राजमेस के सामने अपनी जायज मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। चूरू आरएमसीटीए के अध्यक्ष मुकेश खेदड़ ने बताया कि मेडिकल टीचर्स का एक प्रतिनिधि मंडल पहले से ही जयपुर है। इसके बाद मंगलवार को आरएमसीटीए के तहत सभी डॉक्टर जयपुर गये हैं। जहां अपनी मांगे सरकार के सामने रखेंगे। आरएमसीटीए के पूर्व पदाधिकारी डॉ. अजीत गढ़वाल ने बताया कि पुराने डॉक्टर्स के साथ सरकार का यह रवैया बहुत गलत है। पुराने डॉक्टर्स ने प्रदेश में मेडिकल कॉलेज के लिए सच्ची लगन से कार्य किया है। कॉलेज को स्टेबल करने के लिए मेहनत की है। आज सरकार ने अपने बजट ने नए डॉक्टर को राजस्थान सर्विस रूल्स में शामिल कर लिया। जबकि पुराने डॉक्टर्स को डाइंग कैडर में शामिल कर दिया। यह सरासर गलत है। डॉ. गढ़वाल ने बताया कि पुराने डॉक्टरों को पीएल, एनकैशमेंट, अनुकम्पा नियुक्ति जैसी मूलभूत परिलाभ भी नहीं मिल रहे हैं। इससे पुराने मेडिकल टीचर्स को डाइंग कैडर्स बताने से प्रदेश के सभी 17 मेडिकल कॉलेजों के टीचर्स में काफी आक्रोश व्याप्त है।

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