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राजस्थान में राज्य कर्मचारियों ने वेतन विसंगति को लेकर खेमराज कमेटी की रिपोर्ट का जोरदार विरोध किया। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के नेतृत्व में गुरुवार को कर्मचारियों ने जयपुर में गवर्नमेंट प्रेस से रैली निकालकर गवर्नमेंट होस्टल चौराहे पर रिपोर्ट की होली जलाई। इसी तरह के विरोध प्रदर्शन अन्य जिला मुख्यालयों पर भी आयोजित किए गए। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने आरोप लगाया कि खेमराज चौधरी की अध्यक्षता वाली वेतन विसंगति परीक्षण समिति ने सरकार के इशारे पर कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने पहले नवंबर 2017 में डी.सी. सामंत की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं की गई। फिर अगस्त 2021 में खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में नई समिति बनाई गई, जिसकी रिपोर्ट 23 जनवरी 2025 को जारी की गई। राठौड़ के अनुसार, नई रिपोर्ट में न केवल कर्मचारियों की वाजिब वेतन विसंगतियों की उपेक्षा की गई है, बल्कि भाजपा सरकार द्वारा पूर्व में लिए गए 8, 16, 24 व 32 वर्ष पर एसीपी देने के निर्णय को भी लागू नहीं किया गया है। महासंघ ने 7 और 8 फरवरी को विभागीय संपर्क सभाओं का आयोजन करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग की गई है कि बजट-2025 में कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों के समाधान के लिए एक उच्च स्तरीय मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया जाए। राठौड़ ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते मांगों का समाधान नहीं किया गया तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। खेमराज कमेटी की रिपोर्ट की होली महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में जलाई गई। इस दौरान कर्मचारी नेता कुलदीप यादव, राजेंद्र शर्मा, राजेश पारीक, सुरेश नारायण शर्मा, देवेंद्र सिंह नरूका, ओम प्रकाश चौधरी, उमेश शर्मा, शेर सिंह सहित सैकडों राज्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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