राजस्थान की 247 अनाज मंडियों में मंगलवार से खाद्य व्यापारियों की हड़ताल शुरू हो गई है। राज्य सरकार की ओर से 1 जुलाई से एक प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क लागू किए जाने के विरोध में व्यापारियों ने चार दिन का सांकेतिक बंद शुरू किया है। आटा, दाल, तेल, मसाले और अन्य खाद्य वस्तुओं का थोक व्यापार 2 जुलाई से 5 जुलाई तक बंद रहेगा। इसके बाद 5 जुलाई को व्यापारी बैठक कर अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला करेंगे। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने बताया- सरकार एक ही टर्नओवर पर दो तरह की फीस – मंडी टैक्स और कृषक कल्याण शुल्क ले रही है, जो व्यापारियों के लिए असहनीय है। उन्होंने बताया कि सरकार यदि 0.50 प्रतिशत शुल्क को अगले तीन साल तक स्थिर नहीं करती, आयातित कृषि जिंसों पर मंडी टैक्स और कृषक कल्याण शुल्क नहीं हटाती, मोटे अनाज पर 2.25 प्रतिशत आढ़त लागू नहीं करती और चीनी से शुल्क समाप्त नहीं करती, तो व्यापारी अनिश्चितकालीन बंद को मजबूर होंगे। व्यापार संघ ने जताया विरोध गुप्ता ने बताया कि अब तक सरकार हर दो महीने में कृषक कल्याण शुल्क में अस्थायी छूट देती रही, लेकिन अब 1 जुलाई से यह स्थायी रूप से एक प्रतिशत कर दिया गया है। इससे व्यापारियों में भ्रम और असंतोष बढ़ा है। व्यापार संघ ने इसे कानून के विरुद्ध बताया है। अलवर, बीकानेर, जयपुर, कोटा, भरतपुर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, गंगापुरसिटी, मुहाना, किशनगढ़ समेत 247 मंडियों के प्रतिनिधियों ने इस निर्णय का समर्थन किया है। संघ की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मुलाकात का समय भी मांगा गया है। व्यापारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री खुद कृषि विपणन मंत्री हैं, इसलिए इस मुद्दे पर सीधा हस्तक्षेप जरूरी है।

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