राजस्थान में सहकार से समृद्धि कार्यक्रम के अंतर्गत निर्मित किए जा रहे गोदामों को किराये पर दिया जा सकेगा। इस संबंध में सहकारिता विभाग ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। गोदामों को किराये पर दिए जाने पर प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) को नियमित आय प्राप्त होगी और उनकी वित्तीय स्थिति सुदृढ़ होगी। प्रमुख शासन सचिव एवं सहकारी समितियों की रजिस्ट्रार मंजू राजपाल ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से दी जा रही वित्तीय सहायता से ग्राम पंचायत स्तर पर अन्न भंडारण की सुविधा बढ़ाने के लिए यह योजना शुरू की गई है। गोदाम किराए पर देने के लिए एसओपी में प्राथमिकता क्रम में दो अलग अलग विकल्प दिए गए हैं। पहले विकल्प के अनुसार पहली प्राथमिकता के अनुसार किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए अन्न भंडारण के लिए मिड डे मील, उचित मूल्य दुकान, कृषि उत्पाद के लिए गोदाम किराये पर देना प्राथमिकता होगा। इसके बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से उपभोग की आवश्यकताओं को आपातकालीन या सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए प्राथमिकता दिया जाएगा। इसके बाद भी किसी प्राथमिकता में उपयोग नहीं होने पर सरकारी या निजी प्रतिष्ठानों को गोदाम किराये पर दिये जा सकेंगे। दूसरे विकल्प के तौर पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सदस्यों व किसानों को समर्थन मूल्य खरीद शुरू होने तक भंडारण की सुविधा दी जाएगा। इसके अलावा सीमेंट, मशीनरी, खाद बीज, के लिए गोदाम किराये पर दिए जा सकेंगे। प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि गोदाम के लिए वार्षिक कैलेंडर बनाया जाएगा और किराया निर्धारित कर समिति की ओर से अनुमोदन किया जाएगा। इसके साथ ही कम से कम एक वर्ष और अधिकतम तीन वर्ष के लिए किरायानामा के जरिए गोदाम किराए पर दिया जाएगा। गोदाम किराये पर दिए जाने से पूर्व वार्षिक कैलेन्डर, किराया निर्धारण एवं अन्य प्रस्ताव का खण्डीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा अनुमोदन किया जाएगा। नैफेड और एनसीसीएफ ने 58 गोदामों को किराये पर लेने के लिए सहमति जताई है।

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