जयपुर सहित बड़े शहरों के लिए अब महाराष्ट्र मॉडल पर इलेक्ट्रिक और CNG बसें किराए पर ली जाएंगी। सिटी ट्रांसपोर्ट के लिए बसें खरीदने की जगह किराए पर लेने का मॉडल अपनाया जाएगा। बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ के सवाल के जवाब में UDH मंत्री झाबर सिंह खरा ने विधानसभा में इसकी घोषणा की। यूडीएच मंत्री ने कहा- अभी हम एक नई प्रक्रिया के तहत बसें खरीदने के मॉडल पर हमारी कुछ कंपनियों से बातचीत चल रही है। जिस तरह महाराष्ट्र में इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें लेते हैं, उन्होंने विभिन्न नगर निकायों को बसों को किराए पर दे रखा है। उसमें प्रतिदिन के हिसाब से किराया देना पड़ता है। ड्राइव का रख रखाव निकायों का बाकी सारा सिस्टम वही करते हैं। हमारा काम केवल कंडक्टर रखकर जनता को सेवा देना रहेगा। इससे जो घाटा होगा तो सरकार वहन करेगी। 40 लाख की आबादी पर 2400 बसों का प्रावधान कालीचरण सराफ के सवाल के जवाब में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि शहरी मामलों के मंत्रालय के मानकों के तहत पब्लिक ट्रांसपोर्ट में 10,000 की आबादी पर 6 वर्षों के हिसाब से 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों के लिए 2400 बसों का प्रावधान है। अभी जयपुर में जेसीटीसीएल 27 रूट पर 200 बसें चला रहा है। इसके अलावा 43 रूट्स पर 424 मिनी बसों को परमिट जारी किए हुए हैं। इसके अलावा 41,913 ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर और 45,508 ई रिक्शाओं के रजिस्ट्रेशन किए हुए हैं। बीजेपी विधायक सराफ बोले- भगवन ये बसें चलवाएंगे कब बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने पूरक सवाल उठते हुए कहा कि मैंने तीन बार सवाल पूछा हर बार यही जवाब मिला कि प्रक्रियाधीन है। अब आपने भी कहा प्रक्रियाधीन है तो भगवन ये बसें चलवाएंगे भी या ये भी प्रक्रियाधीन ही रहेंगी। 150 ई बसें और 300 CNG बसें खरीदने की प्रक्रिया जारी इसके जवाब में खर्रा ने कहा- जयपुर शहर के लिए बसों की कमी को दूर करने के लिए नई पीएम ई बस योजना में 150 इलेक्ट्रिक बसों के लिए भारत सरकार के स्तर पर 2 जनवरी 2025 को निविदा खोली जा चुकी है, उस निविदा के परीक्षण की कार्रवाई प्रक्रिया में है। राज्य सरकार वीके स्तर से 300 सीएनजी से चलने वाली AC मिडी बसों की निविदा भी प्रक्रियाधीन है। इसकी तकनीकी बिड 6 फरवरी को खोली जाएगी।

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