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राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में अनियमितता और फर्जीवाड़े के कारण 119 से ज्यादा हॉस्पिटल और फार्मेसी पर कार्रवाई की गई है। इनमें जयपुर के कुल 10 हॉस्पिटल भी शामिल हैं। योजना से बाहर कर इन हॉस्पिटल और मेडिकल स्टोर की आईडी अस्थायी तौर पर ब्लॉक की गई है। साथ ही इन प्रतिबंधित हॉस्पिटल और मेडिकल स्टोर्स की सूची भी सार्वजनिक की गई है। सुनवाई का मौका मिलेगा, फिर होंगे परमानेंट ब्लॉक
वित्त विभाग के प्रमुख सचिव नवीन जैन ने बताया- हॉस्पिटल और फॉर्मेसी स्टोर पर जांच में कई तरह की खामियां मिली थीं। अब उन हॉस्पिटल और मेडिकल स्टोर्स को पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। इसके बाद पेनल्टी भी लगाई जा सकती है। यदि गंभीर खामी लगी तो इन्हें योजना से बाहर कर दिया जाएगा। हालांकि, अभी योजना से जुड़े बाकी हॉस्पिटल व फार्मेसी स्टोरी की जांच लगातार चल रही है। जयपुर के ये हॉस्पिटल फिलहाल योजना से निलंबित
आरजीएचएस योजना से पूरे स्टेट में 1717 हॉस्पिटल और 4862 फार्मेसी स्टोर जुड़े हैं। जांच के दौरान जयपुर के भी 10 हॉस्पिटल में फर्जीवाड़ा मिला है। इनमें ओम हॉस्पिटल, वैशाली हॉस्पिटल एंड सर्जिकल रिसर्च सेंटर, मानस हॉस्पिटल, द उर्मिल चेस्ट एंड जनरल हॉस्पिटल, दीपशिया मेडिकेयर, रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल हैं। वहीं, आयुविक हेल्थ केयर, अमर जैन हॉस्पिटल, श्री राम पंचकर्म सेंटर, मेट्रो मास आरोग्य सदन हार्ट केयर एंड मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को भी योजना से निलंबित किया गया है। जयपुर में ये फार्मेसी स्टोर भी योजना से सस्पेंड
मेडिसिन हाउस, श्री गोविंद मेडिकल एंड प्रोविजन स्टोर, सी के मेडिकल एंड आयुर्वेदिक स्टोर, कंफेड बंबईवाला आयुर्वेद, बीएनके सहकारी होलसेल उपभोक्ता भंडार, बसंत मेडिसिन कॉर्नर को निलंबित किया है। ये भी पढ़ें… मुफ्त इलाज योजना में फर्जीवाड़ा, सुशीला को बनाया सुशील:मेडिकल स्टोर-डॉक्टर्स की मिलीभगत से करोड़ों का चूना, 25 हॉस्पिटल योजना से बाहर राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के लिए बनी मुफ्त इलाज योजना (आरजीएचएस) में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आया है। डॉक्टर और मेडिकल स्टोर संचालक मिलकर फर्जी बिल बनाकर उन दवाइयों का भुगतान उठा रहे थे, जो कभी बेची ही नहीं गई। (पूरी खबर पढ़ें)

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