राजस्थान में टेलीग्राम ऐप पर गैरकानूनी तरीके से सिमकार्ड बिक रहे हैं। खरीदने के लिए न आधार कार्ड की जरूरत है, न ही बायोमैट्रिक की। एक सिम के 1000 से 1500 रुपए देकर आप थोक में 100…200…300 चाहे जितने सिमकार्ड खरीद सकते हैं। सिमकार्ड की डिलीवरी भी जहां आप चाहें। इतना ही नहीं 15 हजार रुपए में बिना डॉक्यूमेंट बैंक अकाउंट भी दिलाने का दावा किया जाता है। दैनिक भास्कर ने कॉल सेंटर का मालिक बनकर इस गिरोह से संपर्क किया तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। सामने आया कि ये लोग चंद पैसों के लालच में देश की सुरक्षा की साथ समझौता कर रहे हैं। इस इन्वेस्टिगेशन में सुरक्षा एजेंसी एटीएस (आतंक विरोधी दस्ता) को भी साथ लिया। अधिकारियों को आशंका है कि ये सिम कार्ड पाकिस्तानी जासूसों को बेचे जा रहे हैं। इसकी बड़ी वजह है ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खुफिया एजेंसियों ने राजस्थान सहित देशभर से एक दर्जन से ज्यादा जासूसों को पकड़ा गया था। इनमें से कई पाकिस्तान के आईएसआई एजेंटों को मोटी रकम लेकर इंडिया के सिमकार्ड उपलब्ध कराते थे। पाकिस्तानी एजेंट इंडियन सिमकार्ड यूज करते, ताकि खुफिया एजेंसियों की नजर उन पर नहीं पड़े। इन्वेस्टिगेशन के दौरान रिपोर्टर को धमकियां भी मिलीं। बदनाम करने के लिए फोटो भी कई टेलीग्राम ग्रुप्स में वायरल किए गए। पड़ताल में सामने आए तीन फैक्ट 1. टेलीग्राम ग्रुप पर सिम बेचने वालों के ग्रुप भास्कर टीम जयपुर के लालकोठी के आस-पास कई दुकानों पर गई। मार्केट में बिना आईडी मोबाइल सिमकार्ड लेने की कोशिश की। कई मोबाइल शॉप पर बात की। ज्यादातर दुकानों पर बिना आईडी के मोबाइल सिमकार्ड देने से साफ मना कर दिया। थोड़ी और डिटेल में पड़ताल की तो सामने आया कि टेलीग्राम ऐप पर मोबाइल सिमकार्ड की खरीद-फरोख्त का बड़ा नेटवर्क चल रहा है। ऑनलाइन एक ऐसा मार्केट जहां पर कितने भी सिमकार्ड बिना आईडी प्रूफ लिए जा सकते हैं। सच जानने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने 4 से 5 टेलीग्राम ग्रुप्स में जॉइन किया। 2. डील को समझाने का प्रयास : हर दिन 200 से ज्यादा सिम के वीडियो शुरुआत के 4-5 दिन रिपोर्टर ने सिर्फ साइलेंट रहकर ग्रुप में हो रही डील्स को समझने की कोशिश की। हर ग्रुप में 100 से 150 तक मेंबर जुड़े हुए थे। ग्रुप में रोज एयरटेल, वीआई, जियो आदि मोबाइल कंपनियों की सिमकार्ड के वीडियो डाले जाते थे। इन वीडियो में करीब 200 से ज्यादा सिम दिखाई देती थी। इसके साथ ही ग्रुप में रोजाना एक मैसेज डाला जाता था, जिसमें मोबाइल कंपनी का नाम लिखा होता था। मैसेज में लिखा होता था- sim card available, only bulk sim, face to face deal jaipur rajasthan. सिम बेचने वाले दलाल अपना पर्सनल आईडी यूजर नेम डाल देते थे। इन्हीं आईडी पर ही मैसेज करके मोबाइल सिम लेने के लिए डील की जाती थी। 3. टेलीग्राम ग्रुप पर सौदा : 1500 रुपए में बेच रहे एक सिम पूरा प्रोसेस समझने के बाद रिपोर्टर ने @sim_sim आईडी पर मैसेज किया। साथ ही सिम को लेकर पूरा सौदा किया। दलाल ने रिपोर्टर को एयरपोर्ट पर बुलाया। भास्कर रिपोर्टर एयरपोर्ट पहुंच गया, लेकिन काफी देर तक इंतजार करने के बाद दलाल नहीं आया। हालांकि एक युवक बाइक पर रिपोर्टर के आगे-पीछे घूमता दिखाई दिया। शायद दलाल का कोई आदमी था, जो रिपोर्टर पर नजर रख रहा था। यह गैंग बिना सामने आए डील करना चाहती थी। रिपोर्टर ने डील से पहले मिलने का दबाव बनाया तो वो सामने नहीं आए और डील कैंसिल कर दी। नेक्सस को एक्सपोज के लिए कॉल सेंटर संचालक बनकर की डील गैंग से डील कैंसिल होने पर हमें पता लग गया कि यह नेक्सस काफी शातिर है। इतनी आसानी से सामने नहीं आएगा। यह नेक्सस 5 से 6 सिम बेचने वाली छोटी डील नहीं करता है। गैंग 200 से 300 सिम बेचने का काम करती है। ऐसे में पूरे गिरोह को एक्सपोज करने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने कॉल सेंटर संचालक बनकर बात की। कहा-हम कॉल सेंटर चलाते हैं। हर दस दिन बाद 30 से 40 सिम चाहिए। दो दिन के बाद दलाल ने लालसोट बुलाया दो दिन के बाद रिपोर्टर ने फिर से दलाल से सिम खरीदने के लिए सौदा किया। उसने पूछा कि कहां से हो? रिपोर्टर ने बताया- ‘हरियाणा से। वहां पुलिस की सख्ती काफी ज्यादा है। काम करने के लिए सिम नहीं मिल रही है।’ दलाल की रोजाना काफी लोगों से चैटिंग होती है, ऐसे में वह रिपोर्ट को पहचान नहीं पाया। रिपोर्टर ने सिम खरीदने के लिए वापस पूरी बातचीत की। पहले उसने जयपुर में एयरपोर्ट के पास आने के लिए बोला। फिर कुछ देर के बाद लालसोट आने के लिए कहा। वह डील के लिए बार-बार लोकेशन बदल रहा था। फिर उसने दौसा आने के लिए कहा। रिपोर्टर ने पूछा- ‘क्लियर एक जगह बताओ, कहां आना है?’ दलाल- ‘कितनी देर में आ जाओगे?’ रिपोर्टर- दो घंटे दलाल- ठीक है, लालसोट आ जाना। रिपोर्टर करीब 3 घंटे के बाद लालसोट पहुंच गया। वहां पर पहुंचने के बाद उसे मैसेज किए, लेकिन कोई रिप्लाई नहीं आया। काफी इंतजार के बाद रिपोर्टर ने रात को लालसोट में ही रुकने का प्लान बनाया, लेकिन वहां रुकने के लिए कोई जगह नहीं मिली। ऐसे में रिपोर्टर गंगापुर सिटी के लिए रवाना हो गया। वहां पहुंचने से पहले उसका वापस से टेलीग्राम पर कॉल आया। उसने कहा कि वह सो गया था। रात होने के कारण रिपोर्टर ने उसे अगले दिन मिलने की बात कहीं। वीडियो कॉल में अपना कैमरा बंद रखा गंगापुर सिटी से सुबह रिपोर्टर लालसोट पहुंचा। वहां पहुंचकर दलाल से संपर्क किया। दलाल ने रिपोर्टर की लोकेशन पूछी। रिपोर्टर ने अपनी लोकेशन लालसोट में गंगापुर सिटी रोड पर बताई। इसके बाद दलाल ने टेलीग्राम पर वीडियो कॉल किया। दलाल इतना शातिर था कि उसने कॉल पर अपना कैमरा बंद कर रखा था। वह वीडियो कॉल पर तसल्ली कर लेना चाहता था कि लाेकेशन को लेकर उसने झूठ तो नहीं बोला। इसके बाद उसने कॉल कट कर दिया। थोड़ी ही देर बाद कुछ बाइक सवार घूमने लगे। वे बार–बार रिपोर्टर को देखे जा रहे थे। शायद ये तसल्ली करना चाह रहे थे कि कहीं आसपास पुलिस तो नहीं है। काफी देर तक कोई मैसेज नहीं आया तो हमने उसे जल्दी मिलने के लिए कहा। उसने 15 मिनट में आने का नाम लिया। बाइक पर कई युवक घूम रहे थे। हम थोड़ा आगे चले गए। वहां पर भी बाइक पर युवक आते दिखाई दिए। गैंग के गुर्गा बाइक पर मुंह पर कपड़ा बांध कर आया काफी देर इंतजार करने के बाद बाइक पर सवार एक युवक हमारी कार के पास आकर रुका। मुंह पर कपड़ा बांधे युवक ने कार के ड्राइवर सीट के पास ग्लास पर खटखटाया। दलाल : आप ही हो क्या? रिपोर्टर : हां। दलाल : कितनी सिम खरीदनी है? रिपोर्टर : अभी तो 2 सिम डेमो के लिए चाहिए। फिर हर दस दिन बाद 20 से 30 सिम लेंगे। सिम में कोई गड़बड़ तो नहीं है? कल को जिसके नाम सिम हो, वो कंप्लेंट करे और बंद हो जाए? दलाल : टेंशन मत लो। स्टूडेंट्स के नाम की 200 से 300 तक सिम रहती हैं। रिपोर्टर : सिम लाए हो तो अभी दे दो। गैंग : नहीं सिम अभी नहीं मिलेगी। मैं तुम्हें लोकेशन भेजूंगा, वहां जाकर सिम उठा लेना। मंदिर के पास सफेद पुड़िया में रखे 3 सिमकार्ड कुछ देर इंतजार करने के बाद सरगना ने हमें टेलीग्राम पर एक मंदिर के पास बनी प्याऊ की लोकेशन भेजी। उसने मैसेज कर कहा कि कागज की पुड़िया में सिम है, वहां जाकर उठा लेना। रिपोर्टर वहां पहुंचा तो एक दीवार पर सफेद कागज की पुड़िया में रखी 3 सिम मिली। आसपास देखा तो कोई भी नहीं दिखाई दिया। हालांकि सामने फैक्ट्री में कुछ युवक बैठे हुए थे। सिम चेक कर रुपए मांगे, नहीं देने पर दी धमकी दलाल ने मोबाइल में सिमकार्ड डाल कर चेक करने के लिए बोला। इस पर रिपोर्टर ने उसे हरियाणा जाकर सिमकार्ड चैक करने की बात कही। दलाल बोला-मैंने विश्वास करके सिम दी है। चेक करके तीन हजार रुपए दे दो। रिपोर्टर: आप मिलो तो सही, 10 सिम और खरीदनी है। दलाल: मिलूंगा नहीं। पहले 3 सिम के पैसे दे दो। ऐसे ही जगह पर 10 सिम रख दूंगा। अगले दिन फिर दलाल का मैसेज आया-सिम चैक कर लो और रुपए दे दो। रिपोर्टर ने कहा-अभी चैक नहीं की है तो धमकी देने लगा- जल्दी सिम चैक कर लो और रुपए दे दो। नहीं तो तुम्हारे लिए सही नहीं रहेगा। रिपोर्टर ने उससे मिलने के लिए 50 और सिमकार्ड खरीदने का लालच दिया, लेकिन दलाल ने साफ इनकार कर दिया। बोला-पहले रुपए दो और सिम भी दे दूंगा। वो रुपए देने या फिर सिम वापस देने की बात पर अड़ गया। उसने कहा कि रुपए नहीं देने है तो सिम वापस उसी जगह पर भिजवा दो। रिपोर्टर ने उसे इतनी दूर जाने से मना कर दिया। 15 हजार रुपए में बिना डॉक्यूमेंट के बैंक अकाउंट भी डील के दौरान दलाल ने सिम के बाद बैंक अकाउंट को लेकर भी बात की थी। उसने ग्रुप्स में कई वीडियो बैंक अकाउंट के भी डाले थे। उन वीडियो में चेकबुक और पास बुक को ध्यान से देखा तो लालसोट और दौसा के एड्रेस लिखे हुए थे। रिपोर्टर ने अकाउंट का रेट पूछा तो उसने 15 हजार रुपए बताया। बोला- अभी 10 एक्टिव अकाउंट है। अकाउंट के साथ एटीएम, पासबुक और इंटरनेट बैंकिग की पूरी किट मिलेगी। रिपोर्टर ने अकाउंट बांद में लेने की बात कही तो वो 15 के बजाय 14 हजार में भी बैंक अकाउंट देने को तैयार हो गया। ठगों से ली तीनों फर्जी सिम को एटीएस को सौंपी भास्कर ने पूरी जिम्मेदारी के साथ ये पूरा इंवेस्टिगेशन एटीएस के साथ मिलकर किया था। दलाल से जो तीनों सिम ली थी। उन्हें भी एटीएस को सौंप दिया। एटीएस ने तीनों सिम की डिटेल्स भी निकाल ली है। साथ ही टेलीग्राम ग्रुप्स की सारी डिटेल भी निकाल ली है। जिसका एनालिसिस किया गया है। इस तरह जारी की जा रही है फर्जी सिम भास्कर टीम ने पड़ताल की तो सामने आया कि मोबाइल कंपनियों के ही एजेंट की मिलीभगत से ही ये फर्जी सिमकार्ड जारी किए जा रहे हैं। दरअसल, मोबाइल कंपनियों की ओर से हर एजेंट और दुकान मालिक को सेल्स का टारगेट दिया जाता है। टारगेट पूरा करने पर इंसेंटिव भी दिया जाता है। आपके नाम कितनी सिम, कैसे करें पहचान …. राजस्थान में जासूसी से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… राजस्थान में पानी की टंकियां-कुएं की जासूसी करवाता है पाकिस्तान:यू-ट्यूबर ज्योति सहित कई जासूसों की रडार पर थे रेलवे स्टेशन, जानिए- आरोपियों ने क्या सच उगला पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले एजेंटों पर सुरक्षा एजेंसियां लगातार शिकंजा कस रही हैं। ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मलहोत्रा की गिरफ्तारी के बाद हाल ही में NIA ने भी राजस्थान सहित कई राज्यों में छापेमारी की। पूरी खबर पढ़िए…

Leave a Reply