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राजस्थान में शुक्रवार को अलग-अलग शहरों में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली गईं। उदयपुर में 400 साल पुराने जगदीश मंदिर से रथयात्रा शुरू हुई। भगवान जगन्नाथ 80 किलो चांदी से निर्मित रथ में विराजमान हुए। भगवान को 21 बंदूकों की सलामी दी गई। सबसे पहले मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने रथ खींचा। रथ खींचने के लिए श्रद्धालु परंपरागत वेशभूषा में आए। सीकर में इस्कॉन की ओर से विदेशी फूलों से सजे 24 फीट ऊंचे रथ पर यात्रा निकाली गई। सीकर में पहली बार पुरी (ओडिशा) की तिथि पर रथयात्रा निकाली। रथयात्रा की नीली थीम थी। जयपुर में गोविंद देवजी मंदिर से निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में हेरिटेज नगर निगम मेयर कुसुम यादव पहुंचीं। उन्होंने रथयात्रा की परंपरा को निभाते हुए वहां बुहार भी लगाई। जयपुर में गुप्त वृंदावन धाम की ओर से रथयात्रा में अहमदाबाद में निर्मित विशेष हाइड्रोलिक रथ का उपयोग किया गया। शाही लवाजमे में हाथी, घोड़े, ऊंट और पालकी चल रही थी। अजमेर में जगदीश मंदिर से 800 किलो वजनी रथ पर यात्रा शुरू हुई। रथ का जिम्मा 25 सेवादारों ने संभाला। 200 मीटर लंबी रस्सियों से श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन करते हुए रथ को खींचा। जोधपुर और भीलवाड़ा में भी इस्कॉन की ओर से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई। कोटा में इस्कॉन की ओर से 30 फीट ऊंचे हाइड्रोलिक रथ पर यात्रा निकाली गई है। देखिए, भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से जुड़ीं PHOTOS…

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