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राजस्थान विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में शनिवार को ‘कर्मयोगी भारत निर्माण: मानव अधिकार एवं राष्ट्रीय सुरक्षा’ विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकृष्ण गोस्वामी ने भगवद गीता के कर्म विज्ञान के आधार पर आदर्श समाज और राष्ट्र निर्माण पर अपने विचार रखे। गोस्वामी की यह यात्रा तिहाड़ जेल से शुरू हुई, जहां वे कैदियों को गीता का अध्ययन करवाते थे। वे पुलिस प्रशासन और विश्वविद्यालयों में भी गीता का प्रचार करते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नंद किशोर पांडेय ने भगवद गीता और रामचरितमानस को भारत की पहचान का मूल ग्रंथ बताया। वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा ने अध्यक्षीय उद्बोधन में गीता से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम का संचालन समाज विज्ञान शोध केंद्र के निदेशक डॉक्टर अनिल अनिकेत ने किया। कार्यक्रम के अंत में गोस्वामी ने विभिन्न विभागों के प्रोफेसर्स और शोधार्थियों को गीता भेंट की। इस दौरान छात्रों और गणमान्य व्यक्तियों ने कई प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर गोस्वामी ने गीता के श्लोकों के माध्यम से दिया। गीता संदेश के इस ज्ञान चर्चा कार्यक्रम के अंत में मुकेश भारद्वाज,प्रचार प्रमुख राजस्थान इकाई, भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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