राजस्थान से अब तक (14 से 23 मई तक ) 301 बांग्लादेशी घुसपैठियों को भेजा गया है। दूसरे राउंड में आज (गुरुवार) सुबह जोधपुर एयरपोर्ट से 153 बांग्लादेशियों को एअर इंडिया के विशेष विमान से पश्चिम बंगाल भेजा गया। वहां से सीमा सुरक्षा बल (BSF) इन सभी को बांग्लादेश भेजने की कार्रवाई करेगी। पहले राउंड में 14 मई को 148 घुसपैठियों को डिपोर्ट किया गया था। बांग्लादेश सरकार को भी उनके नागरिकों की जानकारी दी गई है। पहलगाम हमले के बाद घुसपैठियों को पकड़ा
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद सरकार हरकत में आई थी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जिलों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं को ढूंढने को कहा था। इसके लिए बाकायदा अभियान चलाया गया। इसके बाद विभिन्न जिलों में अवैध रूप से रह रहे ऐसे नागरिकों को पकड़ा गया। ये लोग अपनी पहचान छुपाकर रह रहे थे। प्रदेश में अभियान के तहत एक हजार से भी ज्यादा लोगों को पकड़ा गया था। डिटेन किए गए लोगों के पास भारत के मूल निवासी होने का वैध प्रमाण-पत्र नहीं मिला। सूत्रों की मानें तो इनके पास जो भी सर्टिफिकेट मिले थे, वो फर्जी थे। ये दस्तावेज आखिर किसकी मिलीभगत से बने हैं, इसकी जांच चल रही है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से पकड़े जा चुके घुसपैठिए
अभियान के तहत प्रदेश के अलग-अलग जिलों से घुसपैठियों को पकड़ा गया। इसमें सीकर से 394 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा जा चुका है। इनमें अकेले खंडेला में 50 से ज्यादा घुसपैठियों को पकड़ा गया। इसी तरह अजमेर जिले में अवैध रूप से रह रहे 31 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है। इसके अलावा जयपुर से 218, अलवर से 117 घुसपैठियों को पकड़ा गया है। ये सभी अपनी पहचान छुपाकर रह रहे थे। महिलाएं घरों में कामकाज करती मिलीं। वही पुरुष कबाड़ी, खान मजदूरी, ईंट-भट्टों में मजदूरी, कचरा बीनने या बेलदारी जैसे काम कर रहे थे। डिटेन किए गए इन लोगों में से कुछ के आपराधिक रिकॉर्ड भी सामने आए हैं। घुसपैठियों के लिए बनाए 6 डिटेंशन सेंटर
राजस्थान में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ विशेष अभियान के तहत 6 डिटेंशन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें अलवर, उदयपुर का झाड़ोल, नागौर के मेड़ता, बहरोड़ में 1-1 और जयपुर में 2 डिटेंशन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें अलवर का डिटेंशन सेंटर स्थायी है, जबकि घुसपैठियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के लिए 5 अस्थायी डिटेंशन सेंटर बनाए गए हैं। इन डिटेंशन सेंटर में करीब 1008 बांग्लादेशियों को डिटेन किया गया है।