नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सोशल मीडिया पर शायराना अंदाज में एक-दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं। गुरुवार को जूली ने राइजिंग राजस्थान के मुद्दे पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए भाजपा सरकार पर निशाना साधा था। शुक्रवार को राजेंद्र राठौड़ ने शायराना लहजे में पलटवार करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा- जो सच के सिपाही थे, वो डटे रहेंगे, झूठ के सौदागर ही पलटते रहेंगे जूली जी। राठौड़ ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा- झूठे आंकड़ों की राजनीति नहीं चलेगी और राजस्थान के विकास एवं वित्तीय प्रबंधन पर कांग्रेस की हाय-तौबा समझ से परे है। इस पर जूली ने भी शायराना अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने राठौड़ पर तंज कसते हुए लिखा- आप आंकड़ों के जाल में उलझाकर सरकार की जनता के सामने रखना चाहते हैं। भाजपा द्वारा आपके साथ किए जाए रहे उपेक्षापूर्ण व्यवहार के बाद यह उचित भी है। राजस्थान में भाजपा सरकार बनने पर पड़ोसी राज्यों हरियाणा और गुजरात के बराबर पेट्रोल-डीजल के दाम करने का वादा किया था। सरकार को बने डेढ़ साल होने को है, लेकिन यह वादा अभी तक धरातल पर नहीं उतरा है। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए दोनों नेताओं के बीच का वार-पलटवार आप वित्तीय आंकड़ों का अध्ययन करने लगे: पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने लिखा- नेता प्रतिपक्ष जूली जी, राइजिंग राजस्थान से अब आपने बहस को राजस्थान की वित्तीय स्थिति की ओर मोड़ दिया है। फिर भी मुझे प्रसन्नता है कि आप वित्तीय आंकड़ों का अध्ययन करने लगे हैं, इसके लिए बधाई। आपसे उम्मीद है कि आप इसी तरह वित्तीय आंकड़ों के अध्ययन को जारी रखेंगे। 38,288 करोड़ पूंजीगत खर्च अब तक का सर्वाधिक: राठौड़ ने लिखा- कैपिटल एक्सपेंडिचर को लेकर आपने आंकड़ों का भ्रमजाल रखा। आप विगत कांग्रेस सरकार के समय के 2023-24 के आंकड़े भी बता देते तो अच्छा रहता। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि साल 2024-25 में संशोधित अनुमान के अनुसार पूंजीगत खर्च 38,288 करोड़ रुपए रहा। जो अब तक का सर्वाधिक है। साल 2023-24 के वास्तविक व्यय 26,646 करोड़ से 43.69% अधिक है। क्या इस खर्च को भी असफलता कहा जाएगा? हमारी सरकार कैपिटल एक्सपेंडिचर के जरिए प्रदेश में आधारभूत संरचनाओं का जाल बिछाकर विकास की गंगा बहाने के लिए प्रतिबद्ध है। विरासत में मिला कर्जभार: राठौड़ ने लिखा- राजस्थान में कर्जभार तो हमें विगत कांग्रेस सरकार से विरासत में मिला था, जिसे भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही कम करने का काम किया है। राज्य में कर्जभार FRBM की अनुमत सीमा में ही है। साल 2025-26 (BE) में इसे कम करते हुए GSDP का 36.50 प्रतिशत लाया जाना प्रस्तावित है। यह भी FRBM की अनुमत सीमा 38.20 प्रतिशत से कम है। जीएसडीपी 12 फीसदी से ज्यादा बढ़ी: राठौड़ ने आगे लिखा- जीएसडीपी किसी भी प्रदेश के लिए उसकी तरक्की का पैमाना होती है। आपकी कांग्रेस सरकार के समय साल 2023-24 में राज्य की जीएसडीपी 15.21 लाख करोड़ रुपए थी। जो भाजपा सरकार में साल 2024-25 में 17.04 लाख करोड़ तक पहुंची। यानी करीब 12.02 फीसदी ज्यादा। इतना ही नहीं अब 2025-26 में 19.89 लाख करोड़ की जीएसडीपी अनुमानित है। जो साल 2023-24 से 30.78 फीसदी ज्यादा है। क्या ये भाजपा सरकार की राज्य के विकास के प्रति कटिबद्धता नहीं है? डबल इंजन सरकार में धन की कमी नहीं रहेगी: राठौड़ ने लिखा- साल 2024-25 में राज्य को केंद्रीय करों में 77,548 करोड़ रुपए मिले हैं। जो न केवल केंद्रीय बजट अनुमान के अनुरूप है, बल्कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल साल 2023-24 में प्राप्त हुए 68,063 करोड़ से 9,485 करोड़ रुपए अधिक है। झूठे आंकड़ों से राजनीति नहीं चलेगी: राठौड़ ने जूली पर पलटवार करते हुए लिखा- जूली जी, आपके द्वारा राजकोषीय घाटे को लेकर फैलाया गया भ्रम भी तथ्यों से कोसों दूर है। साल 2024-25 (RE) में राजकोषीय घाटा GSDP का 4.11% और साल 2025-26 (BE) में 4.25% है। जो कि FRBM एक्ट की अनुमत सीमा के भीतर है। भाजपा सरकार ने वित्तीय अनुशासन का पालन करते हुए विकास योजनाओं को गति दी है। जबकि कांग्रेस शासन में न तो अनुशासन था और न ही विकास की दिशा। जूली जी, फिर कह रहा हूं, झूठे आंकड़ों की राजनीति नहीं चलेगी। राजस्थान के विकास और वित्तीय प्रबंधन पर कांग्रेस की हाय-तौबा समझ से परे है। जूली का राठौड़ पर पलटवार… बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी
पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के ट्वीट पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पहले शायराना अंदाज में जवाब दिया और फिर आंकड़े पेश किए। जूली ने लिखा- बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी। लोग बेवजह उदासी का सबब पूछेंगे, ये भी पूछेंगे कि आप इतने परेशां क्यूं हो। जगमगाते हुए लम्हों से गुरेजां क्यूं हो। जूली ने लिखा- राठौड़ साहब, आपने जो प्रशंसा की उसके लिए आपका आभार। कांग्रेस और भाजपा में यही अंतर है कि हम अध्ययन कर ही आंकड़े बोलते हैं और भाजपा के साथी हवा में ही 35 लाख करोड़ रुपए बोल जाते हैं। जो राज्य की GSDP से भी दोगुना है। भाजपा सरकार का वित्तीय प्रबंधन फेल
जूली ने लिखा- आप कर्ज और राजकोषीय घाटे को FRBM और GSDP की अनुमत सीमा में बताकर भ्रमित कर रहे हैं। पर यह छिपा रहे हैं कि भाजपा सरकार द्वारा तय किए गए लक्ष्यों से यह अधिक है, यानी भाजपा सरकार का वित्तीय प्रबंधन फेल साबित हो रहा है। आप GSDP के आंकड़ों की तुलना पिछली सरकार से करना चाहते हैं तो फिर 2013-18 की भाजपा सरकार (जिसमें आप भी मंत्री थे) की तुलना 2018-23 की हमारी सरकार से भी कीजिए। कांग्रेस सरकार ने बजट के साइज में 84% बढ़ोतरी की
जूली ने लिखा- 2018-19 में प्रदेश का बजट साइज 2,12,275 करोड़ रुपए था। इसमें हमारी सरकार ने 84% बढ़ोतरी कर 2023-24 में 3,90,856 करोड़ रुपए तक पहुंचाया। 2018-19 में GSDP का आकार 9,11,519 करोड़ रुपए था। जो 2023-24 में 70% बढ़ोतरी के साथ 15,28,385 करोड़ हो गया था। 2018-19 में राज्य की आर्थिक विकास दर केवल 2.37% थी, जो 2021-22 में देश में दूसरी सबसे अधिक यानी 11.04% पहुंच गई थी। बीजेपी सरकार के वक्त दोगुना से ज्यादा हुआ कर्ज का बोझ
जूली ने लिखा- अगर कर्ज की विरासत की भी बात करें तो 2013-14 में GSDP का केवल 23.58% यानी 1,29,910 करोड़ रुपए कर्ज था, लेकिन साल 2018-19 में आपकी सरकार के दौरान ये बढ़कर GSDP का 34.16%, यानी 3,11,373 करोड़ हो गया। यानी राज्य पर लगभग दोगुने से अधिक कर्ज आपकी सरकार में चढ़ गया। आपके पूंजीगत खर्च के आंकड़े ठीक नहीं
जूली ने लिखा- आपके पूंजीगत खर्च के आंकड़े भी ठीक नहीं हैं। 2023-24 के बजट अनुमान में 38,061 करोड़ के पूंजीगत खर्च का अनुमान रखा गया। दो महीने आचार संहिता और तीन महीने आपकी सरकार के बावजूद रिवाइज एस्टिमेट में 34,844 करोड़ रुपए का पूंजीगत खर्च हुआ। 2024-25 के लिए प्रस्तावित किए गए 44,000 करोड़ में से आप 6,000 करोड़ यानी 13% राशि खर्च ही नहीं कर पाए, ये आपकी सच्चाई है। —————— राजस्थान के सियासत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… किरोड़ी पर बोले पायलट-काम नहीं करना तो दुकान बंद करें, राइजिंग राजस्थान पर कहा- निवेश नहीं आ रहा, यह शर्मनाक दौसा के रलावता गांव में शुक्रवार को हुए किसान सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने किरोड़ी लाल मीणा, राजस्थान राइजिंग समेत कई मुद्दों पर बात की। पूरी खबर पढ़ें