नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के विधानसभा में आरएसएस को लेकर दिए गए बयान पर सीएम भजनलाल शर्मा के बाद अब बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी पलटवार किया है। राठौड़ ने कहा कि जूली कभी आरएसएस की शाखाओं में नहीं आए। अगर वे आए होते, तो उन्हें पता चल जाता कि आरएसएस कभी छुआछूत नहीं करता। उन्होंने कहा कि एक बार महात्मा गांधी हमारी शाखाओं में आए थे। गांधी ने पूछा कि यहां वाल्मिकी समाज से कितने लोग हैं, तो कई लोग खड़े हो गए। हमारे यहां एक चंदन कार्यक्रम होता है। इसमें सभी लोग अपने-अपने घरों से भोजन लेकर आते हैं। फिर उस भोजन को एकत्रित करके हम उसे बांटकर आपस में खाते हैं। उस समय हम जाति नहीं पूछते हैं। इससे ज्यादा छुआछूत मिटाने की दिशा में क्या हो सकता है। टीकाराम जूली ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि वो कभी आरएसएस की शाखाओं में गए नहीं। मैं तो उनसे कहूंगा कि उनको भी हमारी शाखाओं में आना चाहिए। वे आएं, संस्कार प्राप्त करें, उन्हें पता चला जाएगा कि हम कितने पानी में हैं। राठौड़ ने आज बीजेपी प्रदेश कार्यालय में भाजपा विधि प्रकोष्ठ की ओर से 15 मार्च को आयोजित अधिवक्ता होली मिलन समारोह का पोस्टर विमोचन किया। इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने यह बात कही। IIFA पर छींटाकशी करना ठीक नहीं
मदन राठौड़ ने कहा कि पहली बात तो प्रदेश में सामाजिक पेंशन सभी को मिल रही है। दूसरा किसान सम्मान निधि का पैसा भी समय पर मिल रहा है। तीसरी बात यह है कि हमने किसानों के लिए जो भी घोषणा की है, उसे हम पूरी कर रहे हैं। जहां तक IIFA जैसे कार्यक्रमों की बात है, तो इस तरह के कार्यक्रम अपने-अपने स्तर पर होते हैं। इसमें छींटाकशी करना ठीक नहीं हैं। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि इस कार्यक्रम पर कितना पैसा खर्च हुआ है। लेकिन आमोद-प्रमोद के कार्यक्रम तो होते ही हैं। होली पर भी हम मिल-जुलकर इस तरह के कार्यक्रम करते हैं। कांग्रेस ने केवल गरीबी हटाने का नारा लगाया
राठौड़ ने कहा कि देश में गरीबी हटाओ के नारे सबने लगाए। लेकिन गरीबों के लिए भाजपा सरकार ने काम किया। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत का कार्यकाल हो, वसुंधरा राजे का कार्यकाल हो या फिर अब भजनलाल शर्मा का कार्यकाल। भाजपा ने गरीबों के लिए काम किया। मोदी सरकार ने केंद्र के बजट में जिलों का चयन कर उन जिलों को समृद्ध करने की योजना बनाई। उसी तर्ज पर प्रदेश की भजनलाल सरकार ने गरीबी उन्मूलन की दिशा में ऐतिहासिक पहल की है। राजस्थान के 5 हजार गांवों का चयन कर वहां के बीपीएल परिवारों के जीवन स्तर को ऊंचा करने का प्रयास किए जाएंगे। गरीबों को समृद्ध किया जाएगा, मजबूत किया जाएगा और कृषि क्षेत्र में सक्षम बनाए जाने का काम किया जाएगा।
