डूंगरपुर| केंद्रीय भेड़ व ऊन अनुसंधान संस्थान टोंक और कृषि विज्ञान केंद्र फलोज की ओर से इंद्रखेत गांव में रात्रि चौपाल के दौरान विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया। वैज्ञानिकों ने कृषकों को बताया कि विश्व में भारत दुग्ध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है और वैज्ञानिक विधियों का डेयरी में समावेश कर कृषक डेयरी प्रबंधन कर अधिकतम उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने कृषकों को पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण आदि के बारे में जानकारी दी। विकसित कृषि संकल्प अभियान के पांचवें दिन सोमवार को ब्लॉक साबला के लेम्बाता, भाड़गा व खानन और ब्लॉक झौंथरी के वासुआ, झौंथरी व भिंडा ग्राम पंचायतों में जाकर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक व टोंक के वैज्ञानिक, कृषि विभाग, उद्यान विभाग व पशुपालन विभाग, पीडो-माडा संस्था के अधिकारियों की संयुक्त दो टीमें किसानों को प्राकृतिक खेती, डिजिटल एग्रीकल्चर और विभिन्न किसानों उपयोगी योजनाओं की जानकारी दी। वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रभारी डॉ. सीएम बलाई ने बताया कि जिले में किसानों को शून्य बजट प्राकृतिक खेती, फसल बीमा, पीएम किसान सम्मान निधि, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन सहित कई योजनाओं की जानकारी दी।

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