टोंक| घाड़ थाना इलाके के ठिकरिया खुर्द गांव में रिटायर्ड पुलिसकर्मी व उसके परिजनों के दूसरे की खातेदारी की जमीन में से अपनी जमीन तक जबरन रास्ता बनाने का मामला सामने आया है। घटना 27 मई की रात की बताई जा रही है, जब स्यावता गांव निवासी पीड़ित अपने परिवार की शादी समारोह में व्यस्त था, उस दौरान मौका पाकर रिटायर्ड पुलिसकर्मी शंकर सिंह व उसके पुत्र राजेन्द्र व भगवान ने जेसीबी बुलाकर तार-जाली और खंभे तोड़ दिए और अपने खेत तक करीब 14 फीट चौड़ा ग्रेवल रास्ता बना लिया। पीड़ित राजवीर सिंह ने इसकी शिकायत टोंक एसपी, देवली एडीएम और दूनी तहसीलदार को कर उसके खाते की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने और पत्थरगढ़ी करवाने का आग्रह किया है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। एसपी को दिए ज्ञापन में राजवीर सिंह ने बताया कि उसके पिता नारायण सिंह के नाम ठिकरिया खुर्द में 35 बीघा जमीन है। हाल में उन्होंने अतिक्रमण से बचने के लिए खेत के चारों तरफ तारबंदी कराई थी। उनके खेत से लगते ही शंकर सिंह व अन्य खातेदारों के खेत हैं। शंकर सिंह के खेत तक जाने का रास्ता नहीं है। राजवीर ने ज्ञापन में बताया कि पहले भी शंकर सिंह ने उनके खेत में होकर रास्ता बनाने की कोशिश की थी। शंकर सिंह और एक अन्य काश्तकार ने दूनी तहसील में प्रार्थना पत्र देकर सीमाज्ञान कराने का आग्रह किया। जिस पर ग्राम पंचायत कनवाड़ा के पटवारी 27 मई के दिन अपनी टीम सहित मौके पर आए और सीमाज्ञान किया। पटवारी ने रिपोर्ट में मौके पर रास्ता नहीं होने तथा रिकार्ड में भी रास्ता दर्ज नहीं होने की रिपोर्ट दी। शंकर सिंह ने बताया कि राजवीर ने अन्य 15 काश्तकारों के साथ यहां पर अपनी-अपनी जमीन में से होकर सड़क बनाने की सहमति दी थी। सड़क निर्माण के दौरान वह जमीन देने से पलट गया और अब शिकायतें कर रहा है। अकेले मेरे लिए सड़क नहीं बनाई, और भी कास्तकार इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। तार-जाली और खंभे तोड़ने के आरोप गलत हैं। राजवीर सिंह ने बताया कि उनके परिवार में शादी थी। दिन में सीमाज्ञान के बाद वे शादी में शामिल होने चले गए। शंकर सिंह और उसके पुत्रों ने मौका देखकर रात को जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर मंगवा लिए। आरोप है कि शंकर सिंह और उसके परिजनों ने मजदूरों के साथ मिलकर नारायण सिंह के खेत पर लगी तारबंदी को तोड़ दिया। जाली और खंभे हटा दिए और उनकी जमीन में अतिक्रमण कर अपने खेत तक सड़क बनवा ली। राजवीर सिंह ने बताया कि अगले दिन उन्हें अतिक्रमण कर सड़क बनाने की जानकारी मिली। मौके पर झगड़े की आशंका होने पर राजवीर ने घाड़ थाने में रिपोर्ट दी, लेकिन पुलिस ने शंकर सिंह और उनके परिजनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद राजवीर सिंह ने 2 जून को देवली एसडीएम को शंकर सिंह को उनकी जमीन में से बेदखल करने और पत्थरगढ़ी कराने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया। एसडीएम ने दूनी तहसीलदार को कार्रवाई के लिए निर्देशित कर दिया, लेकिन तहसीलदार ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद उन्होंने एसपी को ज्ञापन दिया। राजवीर सिंह ने आरोप लगाया कि शंकर सिंह स्वयं भी पुलिस में कार्यरत था। वह बार-बार धमकाता है कि उसकी पुलिस में ऊपर तक जानकारी है, टोंक पुलिस उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती है।