जोधपुर में एसीबी कोर्ट ने 5 साल पुराने रिश्वत मामले में निलंबित अतिरिक्त जिला कलेक्टर (ADM) विजय सिंह नाहटा को 3 साल जेल की सजा सुनाई है। ACB ने नाहटा को कलेक्टर कार्यालय में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। ACB के अनुसार, वह एक घंटे में 3 लोगों से रिश्वत ले चुका था। इन लोगों से उसने 500 से लेकर 10,800 रुपए वसूले थे। चौथी वसूली करते समय वह रंगे हाथों पकड़ा गया। एसीबी कोर्ट के जस्टिस मदन गोपाल सोनी ने गुरुवार को फैसला सुनाया। सरकार की तरफ से इस मामले में एसीबी कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक उपेंद्र शर्मा ने पैरवी की। यह था मामला
जानकारी के अनुसार, ACB ने 18 मई 2019 को जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर में आरएएस अधिकारी और तत्कालीन अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर (द्वितीय) नाहटा को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। यह राशि पीपाड़ शहर के चिरढाणी गांव निवासी पप्पूदास वैष्णव (44) से खेत की पत्थरगढ़ी (सीमांकन) कराने के लिए तहसीलदार को आदेश जारी करने की एवज में मांगी थी। नाहटा के पास 2019 में एडीएम (शहर) द्वितीय और एडीएम तृतीय का चार्ज था। तत्कालीन डीआईजी (एसीबी) सवाईसिंह गोदारा के अनुसार, पप्पूदास वैष्णव ने लिखित शिकायत दी थी कि गांव में खसरा संख्या 865 में उनका खेत है। इसकी मेड़ पर पड़ोसी चिमनाराम जाट ने 10 से 15 फीट तक अतिक्रमण कर लिया है। विभिन्न स्तर पर शिकायत करने के बाद आखिरकार 6 फरवरी को प्रशासन की टीम ने पुलिस की मौजूदगी में सीमांकन किया। इसमें 10 फीट तक अतिक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद परिवादी अपनी जमीन पर पत्थरगढ़ी कराने और संबंधित शाखा से तहसीलदार के नाम आदेश जारी कराने के लिए कार्यवाहक एडीएम सिटी (तृतीय) विजयसिंह नाहटा के ऑफिस के चक्कर लगा रहा था। पत्थरगढ़ी के आदेश देने के बदले नाहटा ने 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया और नाहटा को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने जमानत अर्जी भी स्वीकार की
जानकारी के अनुसार, आज सजा सुनाने के बाद कोर्ट ने निलंबित एडीएम नाहटा की जमानत अर्जी को स्वीकार किया है। अब उनके पास 3 महीने का समय है, वह इस कोर्ट की सजा को सक्षम न्यायालय के सामने चुनौती दे सकते हैं, अन्यथा उन्हें जेल जाना पड़ेगा। मामले के 42 दिन बाद कर दिया था निलंबित
ACB के अनुसार, नाहटा को साल 2019 में 26 अप्रैल को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। वह करीब एक माह तक जेल में रहा। इस दौरान निचली अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद नाहटा को 27 मई 2019 को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। कार्मिक विभाग ने मामले के 42 दिन बाद आदेश जारी कर नाहटा को निलंबित कर दिया था।
