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रूस में मंदी, आम लोगों के लिए हालात मुश्किल हुए:इकोनॉमी मिनिस्टर बोले- आंकड़े दिखा रहे कि देश मंदी के बेहद; ब्याज दरें 20% पहुंची

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रूस की अर्थव्यवस्था मंदी के कगार पर खड़ी है। इकोनॉमी मिनिस्टर मैक्सिम रेशेत्निकोव ने सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में ये बात कही। उन्होंने कहा बिजनेस और इंडस्ट्री के आंकड़े दिखा रहे हैं कि देश मंदी के बेहद करीब है। आर्थिक गतिविधियां धीमी हो रही हैं, कारोबार कम हो रहा है, और निवेश रुक रहा है। आइए, सवाल-जवाब के जरिए इस पूरे मामले को आसान भाषा में समझते हैं… सवाल 1: रूस में मंदी के पीछे क्या कारण हैं? जवाब: तीन बड़े कारणों से ये हालात बने हैं… सवाल 2: ब्याज दरें इतनी ज्यादा क्यों हैं? जवाब: यूक्रेन के साथ करीब 3 साल से चल रही जंग के कारण रूस में महंगाई बहुत ज्यादा है। 2024 में ये 9.5% थी और 2025 में भी 9.8% के आसपास बनी हुई है। महंगाई को काबू करने के लिए सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाईं। ज्यादा ब्याज दर से लोग कम खर्च करते हैं, जिससे मांग घटती है और महंगाई कंट्रोल में आती है। लेकिन इससे कारोबारियों को कर्ज लेना महंगा पड़ रहा है, जिससे निवेश और प्रोडक्शन कम हो रहा है। सवाल 3: यूक्रेन युद्ध का इस पर क्या असर पड़ रहा है? जवाब: यूक्रेन के साथ युद्ध के कारण रूस 2025 में अपने बजट का 41% हिस्सा रक्षा और सुरक्षा पर खर्च करेगा, जो कोल्ड वॉर के समय से सबसे ज्यादा है। इससे बाकी सेक्टर, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, और इन्फ्रास्ट्रक्चर, के लिए पैसा कम बच रहा है। साथ ही, पश्चिमी सैंक्शन्स ने रूस के तेल और गैस निर्यात को मुश्किल बना दिया है। रॉयर्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार 2023 में रूस की तेल की कमाई 20% से ज्यादा घट गई थी। सवाल 4: रूस की अर्थव्यवस्था पहले तो ठीक चल रही थी, अब अचानक क्या हुआ? जवाब: 2023 और 2024 में रूस की अर्थव्यवस्था ने 3.6% और 4.3% की ग्रोथ दिखाई थी, जो सैंक्शन्स के बावजूद अच्छी थी। लेकिन ये ग्रोथ युद्ध से जुड़े खर्चों और तेल की अच्छी कीमतों की वजह से थी। अब तेल की कीमतें गिर रही हैं, और लेबर की कमी, ज्यादा महंगाई, और सख्त ब्याज दरों ने ग्रोथ को रोक दिया। फरवरी 2025 में जीडीपी ग्रोथ सिर्फ 0.8% थी, जो पिछले दो साल में सबसे कम है। सवाल 5: आम लोगों पर इसका क्या असर पड़ रहा है? जवाब: आम रूसियों के लिए हालात मुश्किल हो रहे हैं। महंगाई की वजह से खाने-पीने की चीजें, जैसे मक्खन, अंडे, और सब्जियां, 10% से ज्यादा महंगी हो गई हैं। ज्यादा ब्याज दरों की वजह से कार, घर, या बिजनेस के लिए कर्ज लेना मुश्किल हो गया है। साथ ही, युद्ध और पलायन की वजह से लेबर की भारी कमी है, जिससे प्रोडक्शन और सर्विसेज प्रभावित हो रही हैं। सवाल 6: रूस अब क्या करेगा? जवाब: सरकार और सेंट्रल बैंक के सामने दो रास्ते हैं। एक, वो ब्याज दरें और कम करें ताकि कारोबार को बूस्ट मिले, लेकिन इससे महंगाई और बढ़ सकती है। दूसरा, वो सख्त नीति जारी रखें ताकि महंगाई कंट्रोल हो, लेकिन इससे मंदी का खतरा बढ़ेगा। कुछ जानकार कहते हैं कि सरकार को टैक्स बढ़ाने या बजट खर्च कम करने पड़ सकते हैं। लेकिन रक्षा खर्च को कम करना मुश्किल है, क्योंकि युद्ध अभी चल रहा है। सवाल 7: रूस की अर्थव्यवस्था को लेकर जानकारों का क्या कहना हैं? जवाब: अर्थव्यवस्था मंत्री रेशेत्निकोव का कहना है कि अगर जल्दी कदम नहीं उठाए गए, तो मंदी टालना मुश्किल होगा। वहीं, सेंट्रल बैंक की गवर्नर एल्विरा नाबियुलिना का कहना है कि अर्थव्यवस्था का ये ठंडा होना “ओवरहीटिंग” से राहत है। उनका मतलब है कि पहले अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ रही थी, जो लंबे समय तक टिकाऊ नहीं थी। लेकिन सर्बरबैंक के डिप्टी सीईओ अलेक्जेंडर वेद्याखिन, कहते हैं कि इतनी सख्त नीति से अर्थव्यवस्था जरूरत से ज्यादा ठंडी हो सकती है। वो ब्याज दर को 12-14% तक लाने की बात कह रहे हैं। सवाल 8: क्या रूस सचमुच मंदी में जाएगा? जवाब: कई अर्थशास्त्री कह रहे हैं कि 2025 में रूस की अर्थव्यवस्था 1.4-1.8% ही बढ़ेगी, जो पहले के 4% से बहुत कम है। कुछ का मानना है कि दूसरी और तीसरी तिमाही में “टेक्निकल रिसेशन” (दो तिमाहियों तक निगेटिव ग्रोथ) हो सकता है। लेकिन रूस की सरकार और सेंट्रल बैंक के फैसलों पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। सवाल 9: दुनिया पर इसका क्या असर होगा? जवाब: रूस दुनिया का बड़ा तेल और गैस निर्यातक है। अगर उसकी अर्थव्यवस्था कमजोर होती है, तो ग्लोबल एनर्जी मार्केट पर असर पड़ सकता है। साथ ही, यूक्रेन युद्ध और सैंक्शन्स की वजह से रूस का चीन जैसे देशों के साथ व्यापार बढ़ा है। रूस की मंदी से इन देशों को भी कुछ नुकसान हो सकता है। वर्ल्ड बैंक ने 2025 के लिए ग्लोबल ग्रोथ को 2.3% अनुमानित किया है, जो पहले से कम है, और रूस की हालत इसे और प्रभावित कर सकती है।

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