anigif 1752804533

राजस्थान में लगातार बारिश के बाद रेगिस्तान में सूखी पड़ी लूणी नदी में भी पानी आ गया है। गुरुवार को अजमेर और जोधपुर से होते हुए ये नदी बालोतरा के रेगिस्तानी इलाके में पहुंची तो महिलाएं और पुरूष नाचने लगे। मानो स्वागत के लिए बालोतरा शहर ही उमड़ पड़ा। शहरवासियों ने चुनरी ओढ़ाकर व पूजा अर्चना कर लूणी नदी का स्वागत किया। दरअसल, पांच साल में लगातार तीसरी बार लूणी नदी उफान पर आई है। लगातार तीसरे साल जब इस नदी में पानी आया तो नदी किनारे बसे गांवो में सूर्योदय के साथ ही बहाव जैसे-जैसे आगे बढ़ा वहां पहले से ही ग्रामीण महिलाएं-पुरूष व युवा उत्साह के साथ इंतजार करते नजर आए। सुराणा गांव में ढोल-थाली के साथ झूमते हुए ग्रामीणों ने मरुगंगा का चुनरी ओढाकर तो मंगल गीत के साथ स्वागत किया। लोगों ने चुनरी ओढ़ाकर और पूजा अर्चना कर स्वागत किया। लगातार तीसरे साल लूणी नदी में पानी की आवक होने पर जलस्तर बढ़ने की उम्मीद में किसान खुश नजर आ रहे है। हालांकि दो दिन से बरसात थमने से पानी बहाव डेढ़ फीट तक हो रहा है। मानसून की सक्रियता के चलते प्रदेश भर में सावन में बादल जमकर बरस रहे है। बीते दिनों पाली-जालोर इलाके में मुसलाधार बारिश होने से बांडी व सुकड़ी में जल प्रवाह होने से लूणी नदी में तीसरी साल पानी की आवक हुई है। मंगलवार को बालोतरा जिले के रामपुरा गांव में नदी में पानी पहुंचा तो लोगों में उत्साह नजर आया। गुरुवार सुबह सराणा, जानियाना, बिठूजा के बाद सुबह 8 बजे बालोतरा में नदी पहुंची तो शहरवासियों ने चुनरी ओढ़ाकर वैदिक मत्रोच्चार के साथ नारियल चढ़ाकर मरूगंगा का स्वागत किया।
सराणा गांव की महिलाएं व पुरूषों ने मंगल गीतों के साथ ढोल-थाली पर नाचते हुए उत्साह देखते ही बन रहा था। शहर में सांकरणा मेगा हाईवे से लेकर छतरियों का मोर्चा तक लोगों की भीड़ लगी रही। वहीं शाम के समय हरिदास सर्कल व वृंदवन पार्क के पास चौपाटी सा नजारा नजर आया। डेढ़ फीट तक बहाव जारी, बरसात होने पर बढ़ेगा बहाव शहर सहित आसपास के जिलों में गत देा दिन से बरसात थमी हुई है। मौसम विभाग ने 18 व 19 जुलाई को कई जिलों में तेज बरसात होने का अनुमान है। लूणी नदी में पानी का बहाव तो तेज है, लेकिन बरसात थमने से जलस्तर डेढ़ फीट ही है। आगामी दिनों में पाली-जालोर जिले के गांवों में मूसलाधार बारिश होने पर नदी में पानी का स्तर बढ़ सकता है। किसानों ने बताया कि 15-20 दिन नदी में बहाव रहता है तो आगामी तीन-चार साल तक कृषि कुओं पर सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध रहेगा। 11 साल में 7 बार लूणी नदी में आया पानी खारे पानी व पैंदे बैठते जलस्तर से जिले भर में खरीफ के अलावा रबी की बुवाई कम हो गई थी, लेकिन गत एक दशक में लूणी नदी में हो रही पानी की आवक ने खेतीबाड़ी को सबल दिया है। साल 2015, 16, 17, 19 के बाद 23, 24 और 25 में लूणी नदी में पानी की आवक हुई है। इससे कृषि कुएं रिचार्ज होने से लगातार जलस्तर बढ़ा है, वहीं टीडीएस में सुधार होने से पानी में लवणीयता कम हुई है। करीब साढे़ तीन दशक तक रासायनिक पानी के भराव के चलते कृषि कुओं का पानी इतना खारा हो गया था कि पीना तो दूर नहाने के काम में नही ले सकते थे। रासायनिक पानी का बहाव थमने व गत 11 साल में 7 बार लूणी नदी में पानी की आवक होने से जलस्तर में सुधार के साथ ही पानी में खारीयता कम होने से रबी की बुवाई के साथ ही बागवानी खेती बड़े स्तर पर हो रही है। फोटो इनपुट: सोहन माली

Leave a Reply