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रेलवे अस्पताल से सूचीबद्ध (इंपैनल्ड) प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को उपचार के लिए रेफरल करने के लिए प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके लिए उत्तर पश्चिम रेलवे सहित सभी जोनल रेलवे को निर्देशित कर दिया है। इसके लिए मरीज का वैध उम्मीद कार्ड होना जरूरी होगा। अब आपात स्थिति में कर्मचारी सूचीबद्ध निजी अस्पताल में बिना रेलवे अस्पताल जाए ही सीधे जा सकता है, जबकि सामान्य बीमारी में किसी भी सूचीबद्ध निजी अस्पताल में रेफर होने के लिए रेलवे अस्पताल आना होगा। यदि सूचीबद्ध निजी अस्पताल में चिकित्सक रेफर करने की सिफारिश करते हैं, तब रेफर की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, इसके लिए मरीज या उसके परिजन को लेटर के लिए भटकना नहीं होगा। मरीज को एचएमआईएस मोबाइल एप के माध्यम से डिजिटल रेफरल लेटर प्राप्त होगा। सूचीबद्ध निजी अस्पताल में उम्मीद कार्ड दिखाना होगा। वह अस्पताल रेफरल पोर्टल पर संबंधित कर्मचारी या परिजन की जानकारी की पुष्टि करेगा। इससे 48 हजार कर्मचारी और 58 हजार रिटायर्ड कर्मचारियों को इसको फायदा मिलेगा। सॉफ्टवेयर को अपडेट करेंगे रेल मामलों के जानकार गिरीश चतुर्वेदी के अनुसार रेलवे का सेंटर फॉर रेलवे इन्फोर्मेशन सिस्टम (क्रिस) वर्तमान सॉफ्टवेयर हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम (एचएमआईएस) को अपडेट कर रहा है। इसके लिए मरीज को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आया हुआ ओटीपी साझा करना होगा। इसके सत्यापन के बाद अस्पताल उपचार की स्वीकृति देगा। ऑनलाइन रेफरल में मरीज को अस्पताल में लेटर ले जाने की समस्या से निजात मिलेगी। वहीं रेफरल की वैधता 30 दिन हो जाएगी, जो अभी तक 3 दिन थी। हालांकि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में यह वैधता 90 दिन की होगी।

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