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22 साल की पायल का विदेश जाकर पढ़ाई करने का सपना था। पायल के पापा लोडिंग ऑटो चलाते है। उन्होंने अपनी बेटी का सपना पूरा किया और बेटी को लंदन भेजने के लिए फ्लाइट से रवाना किया लेकिन नियती को कुछ और ही मंजूर था। अहमदाबाद में प्लेन क्रैश में पायल की मौत हो गई। पायल ने गुजरात के हिम्मतनगर से 193 किलोमीटर दूर उदयपुर के डबोक में मौसी के यहां रहकर बीटेक पूरी की थी। हिम्मतनगर रहते हुए ट्यूशन करवा कर मम्मी-पापा की मदद भी करती थी। पायल उदयपुर के गोगुंदा गांव की मूल रहने वाली थी लेकिन सालों से पिता हिम्मतनगर में रहने लगे। वहीं वे लोडिंग ऑटो चलाकर परिवार चला रहे थे। बताते है कि पायल को पढ़ाने में पिता ने दिन-रात मेहनत की और बेटी का सपना विदेश में पढ़ाई करने का भी पूरा करने के लिए उसको अहमदाबाद से रवाना किया लेकिन लंदन पहुंचने से पहले ही पायल ने दुनिया को अलविदा कह दिया। इस हादसे में पायल की मौत पर परिवार में कोहराम मच गया। जिसने सुना वह भावुक हो गया। लंदन से M.Tech करना चाहती थी पायल पायल की मौसी उदयपुर के डबोक में रहती है और जब पायल को इंजीनियरिंग करनी थी तो मौसी और परिवार के सदस्यों ने कहा कि पायल हमारे यहां रहकर पढ़ाई करेगी। पायल की मौसी का बेटा डबोक निवासी पिंटू खटीक ने दैनिक भास्कर को बताया कि पायल पढ़ने में बहुत होशियार थी। पायल अपने गोल को लेकर चल रही थी। पायल ने हिम्मतनगर से उदयपुर आकर 2016 में उदयपुर के डबोक स्थित गीतांजलि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज में एडमिशन लिया और यहां बीटके कम्प्युटर पूरी करने के बाद लंदन में एम. टेक (M.Tech) करना था। पिंटू ने बताया कि पूरे परिवार को पायल विदेश जाकर अपने आगे के गोल को पूरा करने इस पल को लेकर इंतजार था। एम.टेक. करने के लिए पायल का अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन जाने का 12 जून का टिकट हो गया तब सब खुश थे। हिम्मतनगर रहने वाले पायल के पापा सुरेश खटीक, मां ललिता, बहन कोमल और भाई शुभम से लेकर मावली के घासा गांव में ननिहाल परिवार सब खुश थे। जब पायल को एयरपोर्ट छोड़ा तब पायल खुशी से एयरपोर्ट के प्रवेश गेट के अंदर जा रही थी और उस आखिरी तस्वीर को उसके पापा सुरेश ने देखा तब मन ही मन वे बहुत खुश थे लेकिन कुछ ही समय बाद सब कुछ चिंता में बदल गया। एक ही प्रार्थना थी की कुछ बूरी खबर नहीं आए लेकिन अनहोनी हो ही गई। डबोक में बीटेक फर्स्ट डिवीजन पास किया था गीतांजलि कॉलेज डबोक के वित्त नियंत्रक बीएल जांगिड़ ने बताया कि पायल ने बीटेक उदयपुर में प्रथम श्रेणी से पास की। 28 जनवरी 2023 को उसे राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा ने उपाधि प्रदान की थी। हिम्मतनगर में रहता हैं परिवार पायल का परिवार साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में गायत्री मंदिर रोड पर मीनाक्षी विला फ्लैट की चौथी मंजिल पर रहता है। उदयपुर के गोगुंदा गांव के निवासी सुरेश खटीक करीब पिछले करीब 8 साल से हिम्मतनगर में रह रही है। पायल की बहन कोमल ने हिम्मतनगर में ही बीए और बीएड की पढ़ाई की और भाई शुभम बारहवीं क्लास में है। मीनाक्षी विला फ्लैट्स के मकान नंबर 408 में रहने वाले परिवार अपनी दो बेटियों और एक बेटे के साथ रह रहे हैं। पिता लोडिंग रिक्शा चलाते हैं। जबकि 22 वर्षीय बेटी पायल 1 से 12वीं तक हिम्मतनगर में पढ़ाई करने के बाद उदयपुर से बीटेक की पढ़ाई करके हिम्मतनगर लौट आई थी। वह पढ़ाई के साथ-साथ अपने बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाती थी। पायल ने एयरपोर्ट से परिवार को किया था वीडियो कॉल पायल के परिवार से जुड़े अशोक खटीक ने बताया- हम सबने पायल को एयरपोर्ट पर छोड़ा था और बाद में हम निकल गए थे। इसके बाद पायल ने अंदर से वीडियो कॉल भी किया था। कुछ समय बाद विमान हादसे की खबर मिली तो हम वापस अहमदाबाद पहुंचे। अशोक ने बताया कि पायल के पापा सुरेश की आर्थिक स्थिति खराब थी। पायल ट्यूशन भी कराती थी और इससे परिवार को मदद मिली थी। पायल को पढ़ाने के लिए पिता ने लोन भी लिया और कुछ समाज से भी सहायता मिली। पायल का स्वभाव अच्छा था, दोस्तों को विश्वास नहीं हुआ डबोक में पायल की कॉलेज फ्रेंड जूली ने बताया कि पायल बहुत अच्छी थी और उसका नेचर बहुत सरल था। वह लंदन पढ़ने जा रही थी यह तो हम सब फ्रेंड सर्कल वालों को भी नहीं पता था। जब हादसा हुआ तब पता चला। पायल की खबर लगी तो एक बार विश्वास नहीं हुआ।

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