मानसरोवर के मांग्यावास स्थित एसआर स्विमिंग पूल में 14 वर्षीय बच्चे की डूबने से मौत हो गई। सोमवार को उसका जन्मदिन था और वह मां से 100 रुपए लेकर दोस्तों के साथ स्विमिंग पूल गया था। जब वह दोस्तों के साथ पूल में उतरा, तब न तो लाइफ गार्ड था, न कोच और ना ही लाइफ ट्यूब थी। कुछ देर बाद दोस्तों ने पूल संचालक को उसके गायब होने की सूचना दी, लेकिन उसने गंभीरता से नहीं लिया। करीब आधे घंटे बाद बच्चा पूल में डूबा हुआ मिला। उसके भाई अमरनाथ कुमार यादव ने स्विमिंग पूल मालिक के खिलाफ मानसरोवर थाने में केस दर्ज करवाया है। एसआर स्विमिंग पूल में 13 माह में डूबने की यह तीसरा घटना है। इसके बावजूद न प्रशासन एक्शन ले रहा है और ना नगर निगम। यहां तक कि पुलिस भी लापरवाही का मामला दर्ज कर जिम्मेदारी पूरी समझ लेती है। बड़े भाई ने रिपोर्ट में बताया कि अविनाश यादव निवासी दरभंगा बिहार हाल देवीनगर गुर्जर की थड़ी का सोमवार को 14वां जन्मदिन था। वह सुबह 10 बजे मां से 100 रुपए लेकर दोस्तों के साथ जन्मदिन मनाने स्विमिंग पूल गया था। सुबह 10.30 बजे वह एसआर स्विमिंग पूल पहुंचे थे। कुछ देर बाद ही अविनाश गायब हो गया। दोस्तों ने पूल संचालक, गार्ड और वहां माैजूद लोगों को इसकी सूचना दी। गार्ड ने बच्चों को पहले बाहर और बाद में सिक्योरिटी गार्ड ने बाथरूम में देखने को कहा। करीब आधा घंटे बाद गार्ड काे ही अविनाश पूल में डूबा दिखाई दिया। उसे निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। डीवीआर जब्त, संचालक फरार एएसआई राजकुमार यादव ने बताया कि सीसीटीवी की डीवीआर जब्त की है। फुटेज देखने के बाद ही मामले का खुलासा हाेगा। पूल का संचालक विष्णु चौधरी है और उसने मांग्यावास के बनवारी शर्मा से पूल लीज पर ले रखा है। दूसरी बार जब घटना हुई थी तो बनवारी ने पूल बंद करवा दिया था, लेकिन विष्णु चौधरी ने अपनी जिम्मेदारी पर फिर शुरू किया। घटना के बाद से विष्णु गायब है। भास्कर Insight – नगर निगम स्विमिंग पूल के लिए एनओसी नहीं देता, फिर भी शहर में 1400 पूल, 20 तैराकों पर 1 लाइफ गार्ड जरूरी शहर में 1400 से अधिक निजी और कॉमर्शियल स्विमिंग पूल हैं। इनमें रोजाना 8 से 10 हजार और वीकेंड पर 20 से 25 हजार लोग पहुंचते हैं। 100 से 150 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से बड़े पूल पर रोजाना 1.5 से 2 लाख रुपए की कमाई होती है। 400-500 लोगों पर एक भी लाइफ गार्ड नहीं है, जबकि रूल्स के मुताबिक 20 तैराकों के बीच एक लाइफ गार्ड होना चाहिए। अधिकतर पूल पर सुरक्षा के नाम पर केवल बाउंसर खड़े रहते हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि जयपुर में स्विमिंग पूल के लिए एनओसी का कोई प्रावधान ही नहीं है। सुरक्षा के लिए ये इंतजाम जरूरी
स्विमिंग कोच फर्स्ट एड और सीपीआर में प्रशिक्षित, 20 तैराक पर एक लाइफ गार्ड,
हवा से भरी ट्यूब या कॉर्क की लाइफ ट्यूब, ऑक्सीजन सिलेंडर और स्ट्रेचर होना, स्विमिंग कॉस्ट्यूम, चेंजिंग रूम, शॉवर की व्यवस्था। भास्कर- पूल में तीसरा बच्चा डूबा, कौन जिम्मेदार? खुद को बचाते नजर आए जिम्मेदार “पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जाेसफ का कहना है कि मामले काे गंभीरता से लिया है। स्विमिंग पूल संचालन के लिए नगर निगम काे आवश्यक रजिस्ट्रेशन कर स्विमिंग पूल संचालकों को लाइसेंस देने के लिए पत्र लिखेंगे। साथ ही संबंधित थाना इलाकाें में पड़ने वाले पूल काे सुरक्षा इंतजाम पूरे करने के लिए भी पाबंद किया जाएगा।” “ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर ने कहा कि मुझे पूरा मामला नहीं पता। हम लाइसेंस भी नहीं देते। इस बारे में कुछ नहीं कहूंगी। मेयर ने न फोन उठाया, ना मैसेज का जवाब दिया।” “स्विमिंग पूल मालिक बनवारी लाल शर्मा का कहना है कि 3 माह पहले विष्णु चाैधरी ने किराए पर दिया था। घटना के बाद विष्णु से संपर्क किया ताे उसका माेबाइल बंद आ रहा है, वह गायब है।”
