राजस्थान ललित कला अकादमी, जयपुर की ओर से लुप्त होती विभिन्न कलाओं को जीवित रखने के उद्देश्य से प्रदेशभर में प्रशिक्षण शिविर लगाए गए थे। यहां बनने वाली कलाकृतियों को झालाना अकादमी परिसर की गैलेरीज में उन्हें प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन आज अकादमी कला दीर्घा में मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी मुकेश भारद्वाज ने किया। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध मूर्तिकार महावीर भारती, निर्मला कुलहरी एवं उपस्थित कलाकार समूह ने दीप प्रज्जवलन कर किया ।
अकादमी सचिव डॉ. रजनीश हर्ष ने बताया कि लुप्त होती कला को जीवित करने की दृष्टि से प्रशासक डॉ. आरूषी मलिक की प्रेरणा से प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन विभिन्न स्थानों पर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने सभी मुख्य प्रशिक्षक, समन्वयक एवं प्रशिक्षण प्राप्तकर्ताओं को शुभकामनाएं प्रेषित की।
उद्घाटन अवसर पर विभिन्न राजकीय एवं गैरराजकीय स्कूलों के करीब 350 बच्चों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनको मुख्य प्रशिक्षणकर्ताओं की ओर से कला की बारीकी की जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि अकादमी की ओर से जून माह में भीलवाडा में फड़ चित्रशैली, अजमेर में राजस्थानी माण्डना चित्रशैली, कोटा में कोटा-बूंदी चित्रशैली और बीकानेर में मथेरन चित्रशैली के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। प्रशिक्षण शिविर में फड चित्रशैली के मुख्य प्रशिक्षक राजेश जोशी, राजस्थानी माण्डना के मुख्य प्रशिक्षक संजय सेठी, मथेरन चित्रशैली के मुख्य प्रशिक्षक मूलचन्द महात्मा और कोटा-बूंदी चित्रशैली के मुख्य प्रशिक्षक वरिष्ठ कलाकार लुकमान थे।