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बाड़मेर राष्ट्रीय लोक अदालत में 8 साल से अलग रह रहे पति-पत्नी बच्चों के लिए एक हो गए। जज ने उन्हें मिठाई खिलाई। साथ ही 1499 प्रकरणों का आपसी समझाइश से राजीनामा करवाया गया। समस्त प्रकरणों में फैसले करवाए गए। 90661627 रुपए अवार्ड राशि प्राप्त की। अदालत में सालों पुराने मामलों की हाथों हाथ सुलझाया गया। दरअसल, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार शनिवार को बाड़मेर व चौहटन स्थित न्यायालय एवं राजस्व न्यायलयों, किशोर न्याय बोर्ड व उपभोक्ता मंच बाड़मेर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन न्यायाधीश मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण विक्रम सिंह की अध्यक्षता में हुआ। इस दौरान बैंच में न्यायाधीश मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण विक्रम सिंह, अतिरिक्त न्यायाधीश मजिस्ट्रेट संख्या 2 कर्तिका गहलोत, सदस्य जिला उपभोक्ता मंच सरिता पारिक, उपखंड अधिकारी समंदरसिंह भाटी, सचिव बार एसोसिएशन मेघाराम जाखड़, एडवोकेट सवाई माहेश्वरी, गणेश कुमार, पुरूषोत्तम सोलंकी, नरपतसिंह चौधरी ने पक्षकारों के मध्य राजीनामा करवाया। इस दौरान 1499 प्रकरणों में आपसी समझाइश से राजीनामा करवाकर फैसले हुए। समस्त प्रकरणों में 90661627 रुपए अवार्ड राशि पारित की गई। न्यायाधीश विक्रमसिंह ने बताया कि मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण बाड़मेर ने 61 प्रकरणों का निस्तारण किया। जिसमें कुल 4,00,0000 रुपए का पंचाट जारी किया गया। तालुका विधिक सेवा समिति (ADJ-01) बाड़मेर में प्री लिटिगेशन के 110 प्रकरणों तथा 84 लंबित प्रकरणों सहित कुल 194 प्रकरणों का निस्तारण 18669548 रुपए अवार्ड पारित किए गए। एडीजे संख्या-02 ने कुल 27 प्रकरणों का निस्तारण किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बाड़मेर ने कुल 153 प्रकरणों, अतिरिक्ति मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 1 ने 119 प्रकरणों जिसमें अवार्ड राशि 3,92043, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 02 ने 49 प्रकरणों व अवार्ड राशि 130919 रुपए जे.एम बाड़मेर की ओर से 61 प्रकरणों, एजेएम 01 की ओर से 640 प्रकरणों, किशोर न्याय बोर्ड ने 02 प्रकरणों और ग्राम न्यायालय ने 42 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

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