वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे कार्यक्रमों का पंचायत समिति के सहायक अभियंता महावीर बांगड़ा व पीआरओ मनीष जैन ने निरीक्षण किया। दोनों अधिकारियों ने टांकला के किशनदास तालाब की पेयजल वितरण प्रणाली के बारे में जानकारी ली। खींवसर के सहायक अभियंता महावीर बांगड़ा ने बताया कि इस तालाब में बारिश का पानी इकट्ठा होता है, जिससे पूरे साल ग्रामीणों को हर काम के लिए पानी मिलता है। 20 फीट गहरा है तालाब किशनदास तालाब ढलान वाली जमीन पर बना हुआ है, जिससे प्राकृतिक रूप से बारिश का पानी तालाब में इकट्ठा हो जाता है। तालाब 350 फीट लंबा, 200 फीट चौड़ा व 20 फीट गहरा है। तालाब की भराव क्षमता लगभग 11 लाख लीटर है। नागौर जिले में बारिश के पानी को सहेजने के परंपरागत उपाय अपनाए जाते हैं। सरपंच बोले- पानी रोजाना की जरूरत निरीक्षण के दौरान सरपंच भंवरलाल प्रजापत के साथ ग्रामीण भी मौजूद रहे, जिन्होंने बताया कि गांव में ऐसा तालाब होने से उनको बहुत सुविधा है और उनकी रोजाना की पानी की जरूरत पूरी होतीहै। वर्षा जल संरक्षण से न केवल जल उपकरणों व सुविधाओं पर होने वाला खर्चा बचता है, बल्कि प्राकृतिक जल का संरक्षण भी किया जाता है।