वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के अंतर्गत बुधवार को वन मंडल बांसवाड़ा की रेंज घाटोल में वृक्षारोपण का सधन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पूर्व सांसद मानशंकर निनामा, उपवनसंरक्षक अभीषेक शर्मा, सहायक वन संरक्षक अभीनव मालव थे। कार्यक्रम का उद्देश्य जल संरक्षण, पर्यावरण संतुलन तथा हरियाली को बढ़ावा देना रहा। ग्रामीण जनजागरूकता के इस अभियान में जनप्रतिनिधियों, वन अधिकारियों, वनकर्मियों तथा ग्रामीण समुदाय की सशक्त भागीदारी रही। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद मानशंकर निनामा ने वृक्षों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। जल और वृक्ष जीवन की आधारशिला हैं। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे हरियालो राजस्थान फ्लैगशिप योजना के तहत अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें, जिससे राजस्थान की भूमि पुनः हरित व समृद्ध बन सके। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे एक पौधा लगाकर उसका संरक्षण कर उन्हे पल्लवित करते हुए हरितिमा को बढावा दे। जल संरक्षण के प्रयासों को नई दिशा दे – उपवनसंरक्षक कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उप वन संरक्षक अभिषेक शर्मा ने कहा कि जल है तो कल है केवल एक नारा नहीं, बल्कि यह भावी पीढ़ियों के जीवन का आधार है। उन्होंने बताया कि जल और वन एक-दूसरे के पूरक हैं। वृक्ष जल स्रोतों की रक्षा करते हैं और भूजल स्तर को बनाए रखते हैं। उन्होंने मियावांकी तकनीक की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह जापानी पद्धति अत्यंत तीव्र गति से जैव विविधता युक्त और घने वन विकसित करने में सहायक है। यह तकनीक जल संरक्षण के प्रयासों को नई दिशा दे सकती है। ये रहे मौजूद इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में नायब तहसीलदार लालशंकर बुनकर, सहायक वन संरक्षक अभिनव मालव, क्षेत्रीय वन अधिकारी दीपिका चारण, घाटोल रेंज के समस्त वनकर्मी, वन सुरक्षा एवं प्रबंध समिति के सदस्य, एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान मियावांकी पद्धति से वृक्षारोपण किया गया, जिसमें स्थानीय प्रजातियों के बहुवर्षीय पौधे रोपित किए गए। साथ ही नर्सरी भ्रमण करवाया गया, जिसमें उपस्थित अतिथियों एवं ग्रामीणों को पौधों के पालन-पोषण की जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त तुलसी के पौधों का वितरण भी किया गया, जिससे आयुर्वेदिक एवं धार्मिक महत्व को बढ़ावा मिले।।

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